Edited By Diksha kanojia, Updated: 27 Jun, 2020 05:37 PM
कुछ दिनों से लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन की झड़प चल रही है जिसके बाद सीमा पर काफी तनाव का माहौल पैदा हो गया है। इसके चलते एलएसी के पास भारतीय सीमा में बन रही सड़क है जिसको बनाने में आईआईटी धनबाद नें काफी सहयोग दिया है।
रांचीः कुछ दिनों से लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन की झड़प चल रही है जिसके बाद सीमा पर काफी तनाव का माहौल पैदा हो गया है। इसके चलते एलएसी के पास भारतीय सीमा में बन रही सड़क है जिसको बनाने में आईआईटी धनबाद नें काफी सहयोग दिया है।
जानकारी के अनुसार, यह सड़क भारत-नेपाल सीमा पर धारसूला तक और भारत-चीन सीमा बद्रीनाथ और अरुणाचल प्रदेश तक बनाई जाएगी। वहीं आईआईटी की ओर से माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग के प्राेफेसर एके मिश्रा और डाॅ. बीएस चाैधरी की टीम ने सीमा पर रह कर बीआरओ के अधिकारियाें काे कंट्राेल्ड नियंत्रित ब्लास्टिंग के बारे में तकनीकी प्रशिक्षण दिया।
प्रोफेसर एके मिश्रा ने बताया कि एक तरफ नदी है और दूसरी तरफ पहाड़ हैं। ऐसे में सड़क बनाते हुए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। मिश्रा ने बताया कि परेशानियां इसलिए आएंगी क्योंकि चट्टानें भी गर्मियों में फैलती हैं और सर्दियों में सिकुड़ जाती है। ऐसे क्षेत्रों में निर्माण कार्य करना निश्चित रूप से आसान काम नहीं है।
प्रोफेसर ने बताया कि यह रास्ता इतना कठिन है कि यहां दूर-दूर तक गांव नहीं बसते हैं और ना ही काम करने के लिए लोग मिलते हैं। उन्होंने बताया कि जिस वक्त यहां ब्लास्टिंग होती है उस वक्त ऐसा लगता है कि ये पत्थर ठीक हैं गिरेंगे नहीं लेकिन, ऐसा हाेता नहीं था और वह गिर ही जाते थे।