Edited By Khushi, Updated: 06 Jan, 2025 05:04 PM
झारखंड राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक परिद्दश्य में बीते रविवार को एक नया अध्याय जुड़ गया। राजधानी रांची मे कटहल मोड़ के समीप पुंदाग मे झारखंड राज्य का सबसे बड़ा राधा कृष्ण का मंदिर का उद्घाटन कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट के संस्थापक एवं संरक्षक संत...
रांची: झारखंड राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक परिद्दश्य में बीते रविवार को एक नया अध्याय जुड़ गया। राजधानी रांची मे कटहल मोड़ के समीप पुंदाग मे झारखंड राज्य का सबसे बड़ा राधा कृष्ण का मंदिर का उद्घाटन कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट के संस्थापक एवं संरक्षक संत शिरोमणि 1008 स्वामी सदानंद जी महाराज के कर कमलों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर अमेरिका से आए टहल किशोर महाराज, चंडीगढ़ से श्यामानंद महाराज, जगत राज महाराज, मोहन प्रियाचार्य जी महाराज, कृष्ण मणि महाराज, साध्वी मीणा महाराज, साध्वी पूर्णा महाराज, के साथ-साथ गुजरात, दिल्ली, पंजाब, बिहार, महाराष्ट्र से आए संत महात्माओं के साथ प्रणामी समाज के 20 संत- महात्मा उपस्थित थे। झारखंड एवं अन्य राज्यों से आए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में फूलों की बारिश एवं राधा कृष्ण के जयकारों के साथ राधा कृष्ण के मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए खुल गया। उद्घाटन के पूर्व कलश शोभा यात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा में महिलाएं एवं पुरुष परंपरागत वेशभूषा एवं कृष्ण के झंडा लेकर शामिल हुए तथा भक्तों के जयकारों एवं भजन गायक मनीष सोनी के सुमधुर भजनों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। शोभा यात्रा में सद्गुरु सदानंद जी महाराज तथा देशभर से आए सभी संत महात्मा प्राचीन विशिष्ट सुसज्जित वाहनों पर सवार होकर भक्तों का अभिनंदन किया। तत्पश्चात मंदिर का शुभ उद्घाटन एवं राज श्यामा जी की पूजा पधरावणी प्राण प्रतिष्ठा, कलश स्थापना पूरे विधि विधान के साथ हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर स्वामी सदानंद महाराज ने श्रद्धालुओं को भक्ति, संस्कार, और समाज सेवा के महत्व को बताते हुए कहा राधा कृष्ण की उपासना से जीवन में शांति सुख और समृद्धि आती है। केवल भक्ति से ही व्यक्ति का आध्यात्मिक उन्नति संभव है, लेकिन उसके साथ-साथ समाज की सेवा भी महत्वपूर्ण है।
स्वामी सदानंद महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण जीवन में धैर्य कर्तव्य और सत्य के मार्ग को अपने की प्रेरणा दी। इस मंदिर का निर्माण केवल धार्मिक अनुष्ठान के लिए नहीं बल्कि समाज में भाईचारे और प्रेम को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह मंदिर लोगों को एक साथ लाकर उन्हें अपने धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन को सुदृढ़ करने का अवसर प्रदान करेगा। जामनगर से आए कृष्ण मणि महाराज ने इस अछ्वुत एवं अलौकिक मंदिर के लोकार्पण पर सभी भक्तों को बधाई देते हुए कहा कि सनातन धर्म के लिए गौरव की बात है। यह मंदिर आध्यात्मिक एवं भक्ति भाव विश्वास से आगे बढ़ते हुए पूरे देश के लिए आस्था का केंद्र बनेगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष डूंगरमल अग्रवाल ने देश विदेश से पधारे सभी संत महात्माओं एवं अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि इस मंदिर का उद्घाटन राज्य के धार्मिक जीवन में एक नए युग की शुरुआत है। यह न केवल भक्तों के लिए एक तीर्थ स्थल के रूप में कार्य करेगा बल्कि एक सांस्कृतिक केंद्र एवं सामाजिक कार्यों के रूप में भी उभर कर आएगा मंदिर के निर्माण में वास्तुकला के अद्वितीय तत्वों का समावेश किया गया है। पूरे मंदिर का अलौकिक एवं नयनाभिराम भव्य श्रृंगार किया गया। संत शिरोमणि डॉ स्वामी सदानंद महाराज एवं परम पूज्य मोहन प्रिय आचार्य महाराज के सानिध्य में संपूर्ण पूजन का का विधिवत अनुष्ठान किया गया।