रांची में बंद से आम जनजीवन प्रभावित, परीक्षार्थियों ने किया दावा, कहा- प्रदर्शनकारियों ने किया परेशान

Edited By Khushi, Updated: 23 Mar, 2025 04:11 PM

normal life affected due to bandh in ranchi candidates claim

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में 'सरना स्थल' (आदिवासियों के धार्मिक स्थल) के पास फ्लाईओवर के निर्माण के विरोध में बीते शनिवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ताओं की ओर से बुलाए गए 18 घंटे के बंद के कारण आम जनजीवन प्रभावित हुआ। अधिकारियों ने...

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में 'सरना स्थल' (आदिवासियों के धार्मिक स्थल) के पास फ्लाईओवर के निर्माण के विरोध में बीते शनिवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ताओं की ओर से बुलाए गए 18 घंटे के बंद के कारण आम जनजीवन प्रभावित हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख सड़कों को अवरूद्ध किया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। उन्होंने सड़कों पर टायर जलाए और शहर के बाजार बंद करा दिए। आदिवासी संगठन सिरम टोली में बनाए जा रहे ‘रैंप' को हटाने की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि इससे धार्मिक स्थल तक पहुंच बाधित होती है और वाहनों की लगातार आवाजाही के कारण इसकी पवित्रता भंग हो सकती है। शहर के हिनू और अरगोड़ा सहित विभिन्न इलाकों में प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई। परीक्षार्थियों और पत्रकारों ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने उन्हें परेशान किया। प्रदर्शनकारियों ने हरमू, कांके, हिनू, कोकर-लालपुर, कांटा टोली और अन्य सड़कों पर बांस के डंडे व टायर जलाए, जिससे वहां यातायात बाधित रहा।

आदिवासी संगठनों का बंद कल सुबह 6 बजे शुरू हुआ। रांची में टिटला चौक के पास प्रदर्शनकारियों ने रांची-लोहरदगा रोड को जाम कर दिया। बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। शहर में बसें और ऑटो-रिक्शा सड़कों से नदारद दिखीं। यात्रियों ने मोबाइल ऐप-आधारित टैक्सी बुक करने में भी मुश्किलें पेश आने की बात कही। रेलवे और विमानन सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा, क्योंकि सीमित परिवहन विकल्पों के कारण उनके लिए रेलवे स्टेशन या हवाई अड्डे तक पहुंचना मुश्किल हो गया। कई यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी पैदल चलकर तय करनी पड़ी। रांची जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे और प्रदर्शनकारियों को यह सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए थे कि उनके प्रदर्शन से यातायात, गणमान्य व्यक्तियों, छात्रों, शैक्षणिक संस्थानों के सदस्यों या आम जनता की आवाजाही में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। रांची के उप-मंडल पुलिस अधिकारी उत्कर्ष गुप्ता ने बताया, “यातायात जाम और टायर जलाने की कुछ घटनाओं को छोड़कर, शहर के किसी भी हिस्से से कोई बड़ी घटना की सूचना नहीं मिली।” उन्होंने बताया कि शाम चार बजे तक कहीं से भी किसी भी प्रदर्शनकारी को गिरफ्तार किए जाने या हिरासत में लिए जाने की कोई सूचना नहीं मिली।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनकी चिंताओं को नजरअंदाज किया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदायों के हजारों लोग सरहुल के दौरान सिरम टोली सरना स्थल पर एकत्र होते हैं, ऐसे में ‘फ्लाईओवर रैंप' के कारण वहां पहुंच बाधित होगी। केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि सरकार उनकी शिकायतों को सुनने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए उन्हें रांची बंद का आह्वान करना पड़ा। अधिकारियों के मुताबिक, 2.34 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क के निर्माण का मकसद सिरम टोली को मेकॉन से जोड़कर यातायात की आवाजाही को आसान बनाना है। इस परियोजना में रेलवे लाइन के ऊपर बनाया जाने वाला 132 मीटर का खंड भी शामिल है। एक अधिकारी ने बताया कि 340 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना का काम अगस्त 2022 में शुरू किया गया था।

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