Liver cirrhosis की बीमारी से जूझ रहे हैं राजेश कुमार जायसवाल, बिहार के मशहूर वायलिन वादक रहे हैं जायसवाल

Edited By Nitika, Updated: 07 Feb, 2024 02:32 PM

classical violin player rajesh kumar is suffering from liver cirrhosis

बिहार के मशहूर वायलिन वादक राजेश कुमार जायसवाल लीवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। राजेश कुमार जायसवाल का इलाज दिल्ली के आइएलबीएस में इलाज चल रहा है।

 

पटनाः बिहार के मशहूर वायलिन वादक राजेश कुमार जायसवाल लीवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। राजेश कुमार जायसवाल का इलाज दिल्ली के आइएलबीएस में इलाज चल रहा है। जायसवाल का जन्म 24 अक्टूबर 1962 में पटना के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिताजी का नाम शिव प्रसाद जायसवाल था।

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बिहार के मशहूर वायलिन वादक रहे हैं जायसवाल
शिव प्रसाद जायसवाल भी बिहार के माने हुए वायलिन वादक रहे थे। उन्होंने 40 साल तक पटना के आकाशवाणी में परमानेंट कलाकार के रूप में अपना योगदान दिया था। बिहार में शिव प्रसाद जायसवाल का एक बहुत बड़ा नाम था। उन्हीं के बड़े सुपुत्र राजेश कुमार जायसवाल हैं, जिन्होंने बिहार ही नहीं पूरे हिंदुस्तान में क्लासिकल और लाइट वायलिन बजाकर नाम कमाया है। अपनी कला से राजेश कुमार जायसवाल ने सभी देशवसियो का दिल जीत लिया है। वरिष्ठ पत्रकार एवं मीडिया एक्सपर्ट आनंद कौशल भी राजेश के बहुत बड़े प्रशंसक रहे हैं। कौशल ने भी राजेश कुमार जायसवाल के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।

मेंहदी हसन और गुलाम अली के साथ राजेश दे चुके हैं प्रस्तुति
जायसवाल जी ने उस्ताद मेहंदी हसन, अनूप जलोटा, तलत अज़ीज़, जगजीत सिंह और भूपेंद्र मिताली के साथ उपनी प्रस्तुति दी है। जायसवाल ने पाकिस्तान के मशहूर ग़ज़ल गायक उस्ताद गुलाम अली खां, भारत के उस्ताद अहमद हुसैन और मुहम्मद हुसैन के साथ भी काम किया है। उन्होंने ग़ज़ल गायक चन्दन दास और मधुश्री के साथ भी अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। जायसवाल ने संगीत जगत के क्षेत्र में क्लासिल वायलिन वादन करके बिहार का नाम रौशन किया है। इसके अलावा वे एक अच्छे म्यूजिक कंपोज़र और अच्छे ग़ज़ल गायक भी हैं। राजेश कुमार जायसवाल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सम्मानित किया है। यही वजह है कि जायसवाल के परिवार को मशहूर भजन गायक अनूप जलोटा ने भी शुभकामना दी थी।

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बचपन से ही वायलिन वादन में रही है राजेश की रुचि
राजेश कुमार जायसवाल न केवल मशहूर वायलिन वादक रहे हैं बल्कि वे अपनी लिखी हुई गीत, ग़ज़ल, और भजन भी गाते हैं। जब राजेश की उम्र महज 7 साल थी तभी से उनके पिताजी ने वायलिन की शिक्षा देना प्रारभ कर दिया था। 15 साल की उम्र में राजेश ने पहली बार खगड़िया में राग "बिहाग" कार्यक्रम में वायलिन पर प्रस्तुति दी थी। इसके बाद उन्होंने वयालिन जगत की दुनिया में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आगे ही बढ़ते गए। 80 की दशक में राजेश जायसवाल ने बड़े-बड़े स्टेज शो किए। पाकिस्तान से आए उस्ताद मेंहदी हसन के साथ भी राजेश को वायलिन बजाने का मौका मिला। इसके बाद बिहार सरकार के बहुत सारे महोत्सव में और प्राइवेट कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति वे देते रहे। सन 1984 में बहुत बड़े फ़िल्मी गायक "अनवर" जी के साथ पटना के मारूफगंज स्टेज पर राजेश जायसवाल ने अपनी प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति की काफी प्रशंसा हुई।

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दिल्ली के ILBS में चल रहा है जायसवाल का इलाज
अभी बिहार के मशहूर वायलिन वादक राजेश कुमार जायसवाल लीवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। उनका इलाज दिल्ली के आइएलबीएस में चल रहा है। राजेश कुमार जायसवाल के शुभचिंतक और प्रशंसक उनसे दिल्ली के आइएलबीएस में मिल सकते हैं। हम तो बस यही उम्मीद कर सकते हैं कि राजेश कुमार जायसवाल जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएं।

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