उत्तरी 24 परगना की 16 सीटों पर जारी है मतदान, मतुआ और मुस्लिम वोटर ही तय करेंगे चुनावी नतीजे

Edited By Nitika, Updated: 17 Apr, 2021 11:18 AM

close fight between bjp and tmc in 16 seat of north 24 pargana district

पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण के तहत 6 जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल को वोटिंग हो रही है। इसी चरण में उत्तर 24 परगना की 16 विधानसभा सीटों पर भी वोटिंग हो रही है।

कोलकाता(विकास कुमार): पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण के तहत 6 जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल को वोटिंग हो रही है। इसी चरण में उत्तर 24 परगना की 16 विधानसभा सीटों पर भी वोटिंग हो रही है। उत्तर 24 परगना जिले की 33 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान कराये जा रहे हैं। पांचवें चरण में 17 अप्रैल को उत्तर 24 परगना जिले की 16 विधानसभा सीटों पर लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं छठे चरण में 22 अप्रैल को बाकी बचे 17 विधानसभा सीट पर मतदान होगा। उत्तर 24 परगना जिले की 33 सीटों पर बेहतर प्रदर्शन के लिए बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। तृणमूल कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए सीनियर लीडर मुकुल रॉय नॉर्थ 24 परगना जिले से ही आते हैं। वहीं 2017 में ही मुकुल रॉय ने ममता का दामन छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर लिया था। जब से मुकुल रॉय बीजेपी में आए हैं तभी से नॉर्थ 24 परगना जिले की राजनीति पर भगवा पार्टी की पकड़ मजबूत होती गई है। बीजेपी को इस बार भी टीएमसी के मजबूत किले में सेंध लगाने की उम्मीद है। आइए 2021 के चुनाव में नॉर्थ 24 परगना जिले की इन 16 विधानसभा सीट के समीकरण पर डालते हैं एक नज़र।
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पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण के तहत 6 जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल को वोटिंग हो रही है। इसी चरण में उत्तर 24 परगना की 16 विधानसभा सीटों पर भी वोटिंग हो रही है। उत्तर 24 परगना जिले की 33 विधानसभा सीटों पर 2 चरणों में मतदान करवाए जा रहे हैं। पांचवें चरण में 17 अप्रैल को उत्तर 24 परगना जिले की 16 विधानसभा सीटों पर लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं छठे चरण में 22 अप्रैल को बाकी बचे 17 विधानसभा सीट पर मतदान होगा। उत्तर 24 परगना जिले की 33 सीटों पर बेहतर प्रदर्शन के लिए बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। तृणमूल कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए सीनियर लीडर मुकुल रॉय नॉर्थ 24 परगना जिले से ही आते हैं। वहीं 2017 में ही मुकुल रॉय ने ममता का दामन छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर लिया था। जब से मुकुल रॉय बीजेपी में आए हैं तभी से नॉर्थ 24 परगना जिले की राजनीति पर भगवा पार्टी की पकड़ मजबूत होती गई है। बीजेपी को इस बार भी टीएमसी के मजबूत किले में सेंध लगाने की उम्मीद है। आइए 2021 के चुनाव में नॉर्थ 24 परगना जिले की इन 16 विधानसभा सीट के समीकरण पर डालते हैं एक नज़र।
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2019 से पहले उत्तर 24 परगना को तृणमूल कांग्रेस पार्टी का मजबूत किला माना जाता था, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने टीएमसी के इस किले को भेद दिया था। उत्तर 24 परगना जिले में कुल 5 लोकसभा सीट है। दमदम, बैरकपुर, बारासात, बसीरहाट और बोंगायगांव लोकसभा सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बेहतर प्रदर्शन किया था।
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2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर 24 परगना जिले की दो सीट बीजेपी ने जीती थी। वहीं दमदम लोकसभा सीट पर भी बीजेपी 50 हजार वोटों से ही हारी थी। इससे लगता है कि बीजेपी उत्तर 24 परगना जिले की विधानसभा सीटों पर भी जबरदस्त प्रदर्शन कर सकती है। बीजेपी मतुआ-मुकुल और मोदी के करिश्मे के भरोसे है तो ममता दीदी मुस्लिम वोटरों के सहारे नॉर्थ 24 परगना में बढ़त बनाना चाहती हैं। वहीं फुरफुरा शरीफ की वजह से सीपीएम और कांग्रेस की तरफ भी मुस्लिम समाज के एक वर्ग का झुकाव हो सकता है।

उत्तर 24 परगना जिले में मुस्लिमों की आबादी 25.8 फीसदी है। वहीं हिंदुओं की आबादी 73.5 फीसदी है। इस जिले में अनुसूचित जाति की आबादी 21.7 फीसदी है जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 2.6 फीसदी है। वहीं अनुसूचित जाति में मतुआ वोटरों की आबादी उत्तर 24 परगना जिले की चुनावी नतीजों को प्रभावित करती है। मतुआ के साथ ही मुस्लिम वोटरों की आबादी भी जिले की चुनावी दशा दिशा तय करती है। वहीं बारासात, देगंगा, हाड़ोवा, मिनाखां, संदेशखाली, बशीरहाट और हिंगलगंज में मुस्लिमों की औसत आबादी 40 फीसद के करीब है। इसलिए यहां फुरफुरा शरीफ अब्बास सिद्दीकी के कैंडिडेट भी मौजूदगी दर्ज करा सकते हैं।

उत्तर 24 परगना में अंफान चक्रवात से तबाही मच गई थी। इस दौरान लोगों को सरकार से उम्मीद के मुताबिक मदद नहीं मिली थी। उत्तर 24 परगना के हजारों घर पानी में बह गए थे। बताया जाता है कि इस चक्रवात में भ्रष्टाचार का नंगा नाच हुआ था। अंफान दुर्नीति के नाम से बदनाम हुए भ्रष्टाचार को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बनाया है। वहीं 2018 में पंचायत चुनाव में लोगों को वोट डालने के अधिकार से वंचित करने से भी लोगों की नाराजगी है। इसके अलावा सत्ताधारी दल के दस साल के एंटी इनकंबैंसी और बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे पर भी बीजेपी लोगों को रिझा रही है। 2 मई को आने वाले चुनावी नतीजे ही तय करेंगे कि लोगों को रिझाने में बीजेपी यहां किस हद तक कामयाब हासिल करेगी।

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