Edited By Ramanjot, Updated: 30 Nov, 2024 12:54 PM
औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड के शिवगंज गांव के आदर्श कुमार ने पहली कोशिश में ही बिहार लोक सेवा आयोग की न्यायिक परीक्षा पास कर अपने माता-पिता के साथ अपने गांव का नाम भी रौशन किया है। दरअसल, आदर्श के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। उनके पिता विजय साव,...
बिहार डेस्क: हौसलें अगर बुलंद हों तो मंजिलें आसान हो जाती हैं, अगर इंसान के अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा तो कुछ भी नामुमकिन नहीं होता। ऐसी ही कहानी है बिहार के आदर्श कुमार की, जिसके पहले ही प्रयास में BPSC न्यायिक सेवा परीक्षा में 120वीं रैंक हासिल किया है। आर्दश ने पिता अंडे और फल की दुकान लगाकर अपनी अजीविका चलाते हैं। वहीं आदर्श की इस सफलता से उनके परिवार में खुशी का माहौल है।
औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड के शिवगंज गांव के आदर्श कुमार ने पहली कोशिश में ही बिहार लोक सेवा आयोग की न्यायिक परीक्षा पास कर अपने माता-पिता के साथ अपने गांव का नाम भी रौशन किया है। दरअसल, आदर्श के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। उनके पिता विजय साव, शिवगंज बाजार में अपनी अंडे की दुकान चलाते थे। उन्होंने आदर्श की दो बड़ी बहनों की शादी की और दोनों बेटों को पढ़ाया। आदर्श के छोटे भाई राजू ने B.Ed किया है और शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे हैं।
आदर्श की पढ़ाई के लिए उनकी मां सुनैना देवी ने स्वयं सहायता समूह से कर्ज भी लिया। वहीं उनके माता-पिता की मेहनत रंग लाई है। आदर्श ने बताया कि माता-पिता ने हमें कैसे शिक्षा दी है यह हम ही जानते हैं। पिता फल व अंडा बेचकर हमारी पढ़ाई के लिए पैसे देते थे। बता दें कि आदर्श ने 2014 में बोकारो के भंडारीदाह डीएवी स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (सीएनएलयू) से बीएएलएलबी की डिग्री हासिल की और 2022 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कानून की डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली में रहते हुए न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।