Edited By Ramanjot, Updated: 26 May, 2023 10:08 AM

भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार में सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेज में एमबीबीएस, बीडीएस की कुल 1430 सीटें हैं, जिसमें 1121 एमबीबीएस और 30 बीडीएस की सीटों पर बिहार सरकार के कोटे के तहत नामांकन होता है। उन्होंने कहा कि मेडिकल-इंजीनियरिंग सहित सभी स्तरों पर...
पटना: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने प्रदेश सरकार से मेडिकल में लड़कियों को 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए तत्काल आदेश जारी करने की मांग की। मोदी ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि बिहार सरकार का महिला विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया। नीतीश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में लड़कियों के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित करने की घोषणा दो वर्ष पूर्व की थी। लेकिन, पिछले वर्ष भी छात्राएं वंचित रह गई और इस वर्ष भी अभी तक राज्य सरकार ने 33 प्रतिशत मेडिकल में लड़कियों के आरक्षण का आदेश निर्गत नहीं किया है।
भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार में सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेज में एमबीबीएस, बीडीएस की कुल 1430 सीटें हैं, जिसमें 1121 एमबीबीएस और 30 बीडीएस की सीटों पर बिहार सरकार के कोटे के तहत नामांकन होता है। उन्होंने कहा कि मेडिकल-इंजीनियरिंग सहित सभी स्तरों पर लड़कियों के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी। पिछले वर्ष भी राज्य सरकार ने कोई आदेश निर्गत नहीं किया और इस वर्ष भी अभी तक कोई आदेश निर्गत नहीं हुआ है।
300 लड़कियां आरक्षण के लाभ से हो जाएंगी वंचित
मोदी ने कहा कि 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में जेईई मेन के स्कोर के आधार पर नामांकन होता है। सत्र 23-24 के लिए इंजीनियरिंग में राज्य सरकार ने 33 प्रतिशत आरक्षण का आदेश दे दिया है लेकिन मेडिकल में नामांकन के लिए कोई आदेश नहीं दिया है। इसका नतीजा है कि लगभग 300 लड़कियां आरक्षण के लाभ से वंचित हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा में इस साल 50 हजार लड़कियों ने बिहार से आवेदन दिया है। जून मध्य तक परिणाम घोषित हो जाएगा और तत्पश्चात नामांकन शुरू होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है कि लड़कियों के लिए मेडिकल एमबीबीएस में 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पार्षद को आदेश दें।