Edited By Swati Sharma, Updated: 30 Nov, 2024 01:20 PM
बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने नियोजन भवन परिसर, आयकर गोलंबर, पटना से राज्य के सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में प्रशिक्षण के लिए टाटा टेक द्वारा प्रदान किए गए 22 नए इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।...
पटना: बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने नियोजन भवन परिसर, आयकर गोलंबर, पटना से राज्य के सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में प्रशिक्षण के लिए टाटा टेक द्वारा प्रदान किए गए 22 नए इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उक्त अवसर पर विभाग के सचिव दीपक आनन्द, विशेष सचिव राजीव रंजन, अलोक कुमार, विशेष सचिव, सुनील कुमार यादव, अपर सचिव, निदेशक नियोजन एवं प्रशिक्षण, श्याम बिहारी मीणा, श्रमायुक्त बिहार, राजेश भारती, टाटा टेक के क्षेत्रीय प्रमुख, मनीष कुमार के साथ विभाग वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे। यह पहल राज्य के ITI छात्रों को आधुनिक तकनीकी कौशल से लैस करने और इलेक्ट्रिक वाहन तकनीक में दक्षता प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है।
"उद्योग की मांग के अनुसार बहु-कौशल मॉड्यूलर पाठ्यक्रम किए जाएंगे लागू"
इलेक्ट्रिक वाहनों को रवाना करने के दौरान मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि उद्योगों और प्रशिक्षण संस्थानों के बीच मजबूत साझेदारी के माध्यम से बिहार में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से उत्कृष्टता केंद्र (Center of Excellence) की स्थापना की गयी है। यह पहल आधुनिक और पारंपरिक व्यवसायों के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने, उद्योग की जरूरतों को पूरा करने और अर्थव्यवस्था को गति देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने इसके उद्देश्यों की चर्चा करते हुए कहा कि मौजूदा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को वैश्विक स्तर पर बहु-कौशल श्रमिकों के निर्माण के लिए उन्नत किया जाएगा। उद्योग की मांग के अनुसार बहु-कौशल मॉड्यूलर पाठ्यक्रम लागू किए जाएंगे। भवन, उपकरण और अन्य आधारभूत सुविधाओं को उन्नत किया जाएगा।
"संस्थानों के विकास के लिए आय उत्पन्न करने की योजनाएं बनाई जाएंगी"
मंत्री संतोष सिंह ने आगे बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों के नियोजन और कार्यान्वयन में उद्योगों और अन्य हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित होगी। अकादमिक, प्रशासनिक, वित्तीय और प्रबंधन मामलों में संस्थानों को पर्याप्त स्वायत्तता दी जाएगी। संस्थानों के विकास के लिए आय उत्पन्न करने की योजनाएं बनाई जाएंगी। औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों के कर्मियों की जरूरतों के अनुसार विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। पूरी तरह उद्योग-केंद्रित प्रशिक्षण के लिए निकट साझेदारी में संस्थान प्रबंधन समितियों की स्थापना होगी।
सचिव दीपक आनन्द ने कहा कि राज्य के 149 सरकारी स्वामित्व वाले औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) को उन्नत बनाने के लिए वैश्विक इंजीनियरिंग और उत्पाद विकास डिजिटल सेवा कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoA) हस्ताक्षरित किया था। जिसके तहत दो चरणों में उच्च सामाजिक प्रभाव वाली परियोजनाओं को लागू करने और सरकार के राष्ट्र-निर्माण के प्रयासों को पूरा करने के लिए विशेष पहल करते हुए उत्कृष्टता केंद्रों (CoE) को शामिल किया गया। ये उत्कृष्टता केंद्र (CoE) उन्नयन के बाद न केवल छात्रों को वरन भावी नियोक्ताओं के भी उन्नत कौशल आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं, साथ ही ये MSME के लिए प्रौद्योगिकी और औद्योगिक केंद्र के रूप में भी कार्य कर रहे हैं।