Edited By Ramanjot, Updated: 07 Mar, 2025 09:43 PM

MIT मुजफ्फरपुर में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा स्थापित संस्कृत लर्निंग सेंटर के अंतर्गत ‘संस्कृत भाषा परिचय’ विषय पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मुजफ्फरपुर: MIT मुजफ्फरपुर में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा स्थापित संस्कृत लर्निंग सेंटर के अंतर्गत ‘संस्कृत भाषा परिचय’ विषय पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम लैंग्वेज लैब में संपन्न हुआ, जिसमें संस्कृत भाषा के तकनीकी और वैज्ञानिक महत्व पर चर्चा की गई।
संस्कृत और तकनीकी शिक्षा के संगम पर जोर
कार्यशाला के स्वागत उद्बोधन में ‘प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संस्कृत भाषा की भूमिका, व्यापकता और अनुप्रयोग’ पर विशेष प्रकाश डाला गया। विशेषज्ञों ने बताया कि संस्कृत न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत की पहचान है, बल्कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भी इसकी अहम भूमिका है।
संस्कृत के वैज्ञानिक और तकनीकी पहलुओं पर चर्चा
इस कार्यशाला में संस्कृत भाषा के व्याकरण, उच्चारण शुद्धता, गणितीय संरचना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में इसके उपयोग पर चर्चा की गई। शोधकर्ताओं ने बताया कि संस्कृत, कंप्यूटर एल्गोरिदम और मशीन लर्निंग के लिए उपयुक्त भाषा मानी जाती है।
तकनीकी छात्रों को संस्कृत के उपयोगी पक्षों से अवगत कराया गया
MIT के छात्रों को संस्कृत भाषा के वैज्ञानिक महत्व और तकनीकी अनुप्रयोगों से परिचित कराया गया। कार्यशाला का उद्देश्य संस्कृत को आधुनिक विज्ञान और इंजीनियरिंग से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करना था।
संस्कृत और आधुनिक विज्ञान का अनूठा संगम
इस कार्यशाला में प्रतिभागियों ने संस्कृत भाषा की संभावनाओं, तकनीकी विषयों में इसकी उपयुक्तता और वैश्विक स्तर पर इसके बढ़ते प्रभाव पर गहन विचार-विमर्श किया।