Edited By Swati Sharma, Updated: 22 Nov, 2024 11:51 AM
बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को जरूरी बताया और कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल डिग्री और नौकरी देना ही नहीं है बल्कि छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना भी है।...
भागलपुर: बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को जरूरी बताया और कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल डिग्री और नौकरी देना ही नहीं है बल्कि छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना भी है।
'छात्रों को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए भी सोचने की जरूरत'
आर्लेकर ने गुरुवार को यहां तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रथम एकेडमिक सिनेट की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि छात्रों के अंदर स्किल डेवलपमेंट कर उन्हें उद्यमी बनने के लिए भी प्रेरित करें। ताकि छात्र अपने हुनर और मेहनत के बल पर नौकरी लेने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बन सके। छात्रों को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए भी सोचने की जरूरत है। स्वरोजगार को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि कहा कि विश्वविद्यालय कम से कम पांच गांव को गोद लेकर उसे विकसित करें, संवारें। विश्वविद्यालय के छात्रों को उन गांवों में भेज कर वहां की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक आदि चीजों का सर्वेक्षण कराए। सरकार की योजनाओं को उन गांवों तक पहुंचाने में मदद करें। शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार विश्वविद्यालय को मिले। ताकि जरूरत के हिसाब से विश्वविद्यालय स्वयं योग्य शिक्षकों की भर्ती समय समय पर कर सके। इससे शिक्षकों की कमी भी दूर हो सकेगी। इस काम में विकेंद्रीकरण जरूरी है।
'शिक्षा प्रणाली को बेहतर करेंगे'
कुलाधिपति ने कहा, ‘‘ राज्य सरकार को हमने भी कहा है कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहुत जरूरी है। सभी सीनेट सदस्य अपनी भूमिका का निर्वहन करें। अपना सुझाव हमें दें। आपका सुझाव शिक्षा को बेहतर बनाएगा। आप राजभवन आकर हमें विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए सुझाव दीजिए। हरेक सदस्य कम से कम अपना एक घंटा तो दें। यदि डेढ़ सौ सदस्य यहां हैं तो उनके देश सौ घंटे हमारे काम आएंगे।'' राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा प्रणाली को बेहतर करेंगे। सब मिलजुल कर अपने दायित्वों एक निर्वहन करें। आप केवल एक बैठक और एक दिन के लिए सीनेट सदस्य नहीं चुने गए हैं बल्कि आप पूरे साल और पूरे कार्यकाल के लिए सीनेट मेंबर बने हैं। आने वाला समय शिक्षा का है। केवल कुलपति ही नहीं बल्कि आप सब मिल कर शिक्षा को मजबूत बनाइए। आपसे उम्मीदें हैं।