Edited By Swati Sharma, Updated: 12 Feb, 2025 02:21 PM
पटना: बिहार में पटना स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने जाली नोट के मामले जेल में बंद दो आरोपितों को मंगलवार को सात-सात वर्षों के सश्रम कारावास के साथ ही आठ-आठ हजार रुपयों का जुर्माने की सजा सुनाई।
पटना: बिहार में पटना स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने जाली नोट के मामले जेल में बंद दो आरोपितों को मंगलवार को सात-सात वर्षों के सश्रम कारावास के साथ ही आठ-आठ हजार रुपयों का जुर्माने की सजा सुनाई।
मामले के जेल में बंद अभियुक्त मधुबनी जिला निवासी मोहम्मद मुमताज और किशनगंज निवासी मोहम्मद बैतुल्लाह ने सरकारी खर्चे पर मुहैया कराए गए वकील गणेश तिवारी के माध्यम से विशेष अदालत के न्यायाधीश अभिजीत कुमार के समक्ष एक आवेदन दाखिल कर अपना गुनाह कबूल करने की इच्छा व्यक्त की थी। अदालत ने दोनों अभियुक्तों का बयान लेने और उनका कबूलनामा स्वेच्छा से दिया गया पाने के बाद उन्हें भारतीय दंड विधान की धारा 489 बी, 489 सी एवं 120 बी तथा विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 16 एवं 18 के तहत दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोनों दोषियों को एक-एक माह के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।
क्या था मामला?
गौरतलब है कि 02 दिसंबर 2019 को पुलिस ने पूर्णिया बस स्टैंड से मोहम्मद मुमताज को एक लाख नब्बे हजार पांच सौ रुपए की फर्जी पांच सौ रुपयों की करेंसी के साथ गिरफ्तार किया था। मामले में आतंकवादी गतिविधियों का पता चलने पर जांच एनआईए को सौंपीं गई थी। एनआईए ने अपनी प्राथमिकी आरसी 01/2020 के रूप में दर्ज की थी। जांच में मोहम्मद बैतुल्लाह एवं एक अन्य सादिक मियां को मोहम्मद मुमताज के सहयोगी के रूप में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद से तीनों अभियुक्त जेल में हैं। मामले में सुनवाई जारी थी। दो अभियुक्तों के गुनाह कबूल कर लेने के बाद अब मामले मे सुनवाई तीसरे आरोपित सादिक मियां के खिलाफ जारी रहेगी।