बिहार के गुमनाम कलाकार की अंतरराष्ट्रीय पहचान: फिरंगी लाल का शिल्प चमत्कार

Edited By Ramanjot, Updated: 12 Jun, 2025 06:37 PM

bihar artist firangi lal international award

बिहार में आज भी ऐसे कई शिल्पकार हैं, जो पारंपरिक कलाओं को संजोय कर रखे हुए हैं। इस फेहरिस्त में शामिल एक करिश्माई कलाकार का नाम फिरंगी लाल गुप्ता है।

पटना: बिहार में आज भी ऐसे कई शिल्पकार हैं, जो पारंपरिक कलाओं को संजोय कर रखे हुए हैं। इस फेहरिस्त में शामिल एक करिश्माई कलाकार का नाम फिरंगी लाल गुप्ता है। इन्होंने अपनी कलाओं की बदौलत खास पहचान स्थापित की है। इस कलाकार ने अपनी लगन और मेहनत से नयी परंपराएं स्थापित की हैं। 
          
कैमूर के रहने वाले फिरंगी लाल गुप्ता आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। अंडरकट तकनीक से मुलायम पत्थर को काट और तराश कर उसे हाथी, कछुआ और अन्य मूर्तियों का आकार देते हैं। फिरंगी लाल गुप्ता बिहार में अंडरकट तकनीक से कलाकृतियां गढ़ने वाले ख्याति प्राप्त शिल्पकार हैं, जो पटना के पाटलिपुत्र इलाके में स्थित उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान में बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। 
          
 अपनी पत्थर कला के बारे में फिरंगी लाल बताते हैं कि सबसे पहले मुलायम पत्थर को आरी से काटते हैं, कटर से उसे तराशते हैं और तब जाकर उसे कछुआ, हाथी, मेंढ़क, बैल और अन्य जानवरों का आकार देते हैं। फिरंगी लाल ने कहा कि बिहार सरकार का बहुत सहयोग मिला है और आगे भी उम्मीद करते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की बदौलत चाइना, मॉरीशस जैसे जगहों पर जा कर अपना प्रदर्शन करने का मौका मिला। 
       
फिरंगी लाल जिन कलाकृतियों को मार्बल स्टोन में गढ़ते हैं, उनमें हाथी, कछुआ, बत्तक समेत अन्य नाना प्रकार के पशु-पक्षी शामिल हैं। उनकी कला को राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने सम्मानित और प्रोत्साहित भी किया है। उद्योग विभाग के सहयोग और प्रेरणा से उन्हें अपनी कलाकृति को स्थापित करने में काफी सहायता मिली है। उन्हें देश-विदेश में अपनी कला प्रदर्शित करने का मौका दिया है। बिहार सरकार, भारत सरकार और फिक्की के सहयोग से फिरंगी लाल को 2008 में चीन में अपनी कला प्रदर्शित करने का मौका मिला और वहां से लौटने के बाद उन्हें वर्ष 2009-10 के लिए राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी बनायी कलाकृतियों में तीन फीट का हाथी कैमूर समाहरणालय में प्रदर्शित है जिसे उन्होंने करीब दस क्विंटल के एक मार्बल पत्थर को तराशकर बनाया है। 
          
2012 में उन्होंने उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निमंत्रण पर संस्थान में अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिसने वहां के कलाप्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया। 2017 में उन्हें बिहार सरकार की तरफ से मॉरिशस में भी अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिला है।
          
वर्तमान समय में फिरंगीलाल गुप्ता बिहार सरकार के अंतर्गत उद्योग विभाग के उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधन संस्थान में अंशकालिक प्रशिक्षक के तौर पर युवा कलाकारों को मूर्तिकला का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!