Edited By Ramanjot, Updated: 10 Jun, 2025 07:47 PM
बिहार सरकार अपने महिला सेवकों को पदस्थापन स्थल के निकट आवासन की सुविधा मुहैया कराने जा रही है। सरकारी महिला कर्मियों को उनके कार्यस्थल के आसपास लीज पर निजी आवासों को लेकर सरकार उन्हें मुहैया कराएगी। राज्य सरकार इस तरह की व्यवस्था पहली बार करने जा...
पटना:बिहार सरकार अपने महिला सेवकों को पदस्थापन स्थल के निकट आवासन की सुविधा मुहैया कराने जा रही है। सरकारी महिला कर्मियों को उनके कार्यस्थल के आसपास लीज पर निजी आवासों को लेकर सरकार उन्हें मुहैया कराएगी। राज्य सरकार इस तरह की व्यवस्था पहली बार करने जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग के स्तर से तैयार इसके मसौदे पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें 22 एजेंडों पर मुहर लगी। इसमें लिए सभी मुद्दों के बारे में विस्तृत जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि महिला सरकारी सेवकों को इसका लाभ मिलेगा, उन्हें आवास भत्ता की सुविधा का लाभ नहीं दिया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि इसका लाभ महिला शिक्षिकाओं, सिपाही के साथ अन्य महकमों में कार्यरत सभी सरकारी महिला कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा। शुरुआती स्तर पर यह सुविधा प्रमंडलीय और जिला मुख्यालय स्तर पर बहाल की जाएगी। भवन का चयन करने के लिए जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एक कमेटी बनाई जाएगी। अनुमंडल पदाधिकारी इस कमेटी के सदस्य सचिव के अलावा जिला के एसपी, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि एवं भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी किराए के लिए प्राप्त सभी आवेदनों या रूचि की अभिव्यक्ति का विश्लेषण करके समुचित जांच करेगी।
किराए के लिए इस तरह होगा भवन का चयन
इसके लिए इच्छुक मकान मालिक अपने संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) के पास आवेदन करेंगे। इसके आधार पर यह देखा जाएगा कि पदस्थापन स्थल के आसपास यह स्थल मौजूद है या नहीं। इस भवन में पानी, शौचालय, बिजली समेत अन्य सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं या नहीं। तमाम पहलुओं की जांच करने के बाद निजी भवन का चयन लीज (पट्टा) के लिए किया जाएगा। इसके बाद सरकार के साथ एकरारनामा होगा। संबंधित महिला कर्मी से आवासन से संबंधित किसी तरह की असुविधा की शिकायत प्राप्त होने पर उसका निराकरण का दायित्व संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी की होगी।
बिहार जन्म-मृत्यु नियमावली में हुआ संशोधन
बिहार जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली, 1999 के नियम-5 समेत अन्य धाराओं में संशोधन किया गया है। इसके बाद अब यह नियमावली बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) नियमावली, 2025 कही जाएगी। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर विभिन्न डाटाबेस तैयार कर इसे अपडेट करने के साथ ही किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख और स्थान को साबित करने, किसी शैक्षणिक संस्थान में दाखिला लेने, चालान लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची तैयार करने, पासपोर्ट जारी करने या किसी अन्य कार्य के लिए जन्म एवं मृत्यु के रजिस्ट्रीकरण कार्य का सरलीकरण कार्य का सरलीकरण, डिजिटाइजेशन कर कंप्यूटर के माध्यम से निर्धारित समयसीमा में जारी किया जाएगा।
हर पंचायत में तैनात होंगे एक निम्नवर्गीय लिपिक
राज्य की सभी पंचायतों में 8 हजार 93 निम्नवर्गीय लिपिकों की बहाली की जाएगी। पंचायत सरकार भवन या अन्य पंचायत स्तरीय कार्यालय में इन्हें पदस्थापित किया जाएगा। इनकी जिम्मेदारी पंचायत स्तरीय योजनाओं के क्रियान्वयन और इनका समुचित लेखन करने की होगी। इसके लिए लिपिकीय संवर्ग (भर्ती एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2018 का गठन किया गया है। इसके अलावा कृषि विभाग के नवसृजित कषि विपणन निदेशालय के लिए 14 पदों का सृजन किया गया है। इस निदेशालय की मदद से किसानों के उत्पाद में वैल्यू एडिशन या मूल्य संवर्द्धन करवाना समेत अन्य कार्य हैं। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी के चार पदों की स्वीकृति दी गई है। इसमें वरीय विमान चालक के दो, कन्सलटेंट एवं सिविल इंजीनियर के एक-एक पद शामिल हैं।
मेगा स्किल सेंटर से 21 हजार 600 युवाओं को प्रशिक्षण
राज्य में गठित मेगा स्किल सेंटर से आगामी 5 वर्षों में 21 हजार 600 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य के युवाओं को बाजार मांग के अनुरूप अत्याधुनिक रोजगारपरक कौशल ज्ञान प्रदान करना इन मेगा स्किल सेंटरों का उदेश्य है। चयनित एजेंसी स्वतंत्र प्लेसमेंट सेल का गठन करेगी, जो प्रशिक्षित युवाओं को नियोजित करेगी। इस परियोजना की लागत 280 करोड़ 87 लाख रुपये है और इसकी अवधि 5 वर्ष की होगी।
नगरपालिका क्षेत्र के विज्ञापन नियम में किया गया बदलाव
बिहार नगर निगम क्षेत्र में विज्ञापन नियमावली (संशोधन), 2025 पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। इसके अंतर्गत नगरपालिका क्षेत्र में प्रदर्शित होने वाले सभी तरह के विज्ञापन की दर निर्धारित की गई है। सार्वजनिक स्थल पर किसी भी दीवार, वाहन, होर्डिंग, फ्रेम, भवन, जमीन या अन्य किसी स्थान पर प्रदर्शित किए जाने वाले विज्ञापनों पर अलग-अलग दर निर्धारित की गई है। इसके लिए नगर निकायों में 5 कलस्टर बनाते हुए केंद्रीयकृत प्रणाली तैयार की गई है। इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग से लाइसेंस लेने की आवश्यकता है। इसमें निगेटिव विज्ञापन की एक सूची भी तैयार की गई है, जिन्हें विज्ञापन के लिए प्रतिबंधित करके रखा गया है।
एसटी के 9 समुदाय को पीएम आवास योजना का लाभ
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तरह राज्य के अनुसूचित जाति (एसटी) समुदाय के 9 समुह के लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इन आदिवासी समुदाय के लोगों को आवास के लिए 2 लाख रुपये चार बराबर किश्तों में दी जाएगी। जिन एसटी समुदायों को इसमें शामिल किया गया है, उसमें असुर, बिरहोर, बिरजीया, हिलखरिया, कोरवा, मालपहाड़िया, परहईया, सौरियापहाड़िया और सावर शामिल हैं।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गएः-
- पटना में मौजूद लोकनायक जयप्रकाश हड्डी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में स्पोर्ट इंजूरी की इकाई शुरू की गई है। इस इकाई में 20 बेड की व्यवस्था की गई है। साथ ही 36 नए पदों का सृजन किया गया है।
- जल संसाधन विभाग के अंतर्गत बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के तहत 100 करोड़ रुपये लागत की दो योजनाएं स्वीकृति की गई हैं। इसमें हसनपुर-बनिया से सगुनी के बीच 8.330 किमी लंबाई का नया तटबंध का निर्माण तथा पटना के बख्तियारपुर प्रखंड में गंगा चैनल के दाएं तट पर सुरक्षात्मक कार्य एवं कटाव कार्य शामिल हैं।
- समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत समेकित बाल विकास सेवाएं अंतर्गत बिहार बाल विकास लिपिकीय संवर्ग (संशोधन) नियमावली, 2025 को स्वीकृति मिली।
- बिहार खेल सेवा संवर्ग (भर्ती एवं सेवा शर्ते) नियमावली, 2025 को स्वीकृति दी गई। इससे राज्य में प्रतिभावान खिलाड़ियों का चयन प्रारंभिक स्तर पर किया जा सकेगा।
- सात डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इन्हें लगातार अनुपस्थित रहने और अन्य कारणों से यह कार्रवाई की गई है। खगड़िया सदर अस्पताल के सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आशीष कुमार एवं डॉ जागृति सोनम, इसी जिले गोगरी के महेशखुंड अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. मो. फिरदौस आलम, लखीसराय सदर अस्पताल की सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनामिका कुमारी, इसी जिले के बड़हिया रेफरल अस्पताल की डॉ. अनुपम कुमारी, बेगूसराय के बरौनी स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. अनुपम कुमार और लखीसराय के हलसी के नौवा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. अभिनव कुमार शामिल हैं।