Edited By Ramanjot, Updated: 15 Jul, 2025 09:50 AM

बिहार में आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक लगभग 88.66% मतदाताओं से संपर्क कर गणना फॉर्म EF प्राप्त कर लिया गया है।
पटना:बिहार में आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक लगभग 88.66% मतदाताओं से संपर्क कर गणना फॉर्म EF प्राप्त कर लिया गया है। आयोग के अनुसार, इस प्रक्रिया के बाद करीब 35.5 लाख नामों को मतदाता सूची से हटाया जा सकता है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है।
चुनाव आयोग ने बताया कि राज्यभर में BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) ने दो बार घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क किया। अब तक 6.6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपना गणना फॉर्म भरकर जमा कर दिया है। जो लोग अभी तक फॉर्म नहीं भर सके हैं, उनके लिए अंतिम तारीख 25 जुलाई तय की गई है। इसके बाद संशोधित मतदाता सूची जारी की जाएगी।
क्यों हट सकते हैं 35.5 लाख नाम?
चुनाव आयोग के विश्लेषण के मुताबिक:
- करीब 12.5 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है लेकिन उनका नाम अभी तक सूची में है।
- लगभग 17.5 लाख लोग बिहार से बाहर जा चुके हैं और अब यहां वोट देने के योग्य नहीं हैं।
- इसके अलावा 5.5 लाख लोग ऐसे हैं जिनके नाम दो बार पंजीकृत पाए गए हैं।
- इन तीन वर्गों को मिलाकर अनुमान है कि 35.5 लाख वोटर सूची से बाहर किए जा सकते हैं।
विदेशियों के नाम और कोर्ट की निगरानी
इससे पहले आयोग ने जानकारी दी थी कि कुछ विदेशी नागरिकों — खासकर नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोगों के नाम भी वोटर लिस्ट में शामिल पाए गए थे। इन संदिग्ध प्रविष्टियों को हटाने की प्रक्रिया भी तेज़ी से चल रही है।
इस पूरे मुद्दे की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी जारी है। पिछली सुनवाई में अदालत ने आयोग को सुझाव दिया था कि वोटर वेरिफिकेशन के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर ID कार्ड जैसे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाए। अगली सुनवाई 28 जुलाई को होनी है।