बिहार: सरकारी स्कूलों में अब बच्चे सीखेंगे ट्रैफिक रूल्स, चलेगा रोड सेफ्टी अवेयरनेस प्रोग्राम

Edited By Ramanjot, Updated: 10 Jul, 2025 06:43 PM

bihar government traffic awareness program

राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को ट्रैफिक के बेसिक नियमों की समुचित जानकारी दी जाएगी।

पटना:राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को ट्रैफिक के बेसिक नियमों की समुचित जानकारी दी जाएगी। स्कूल में आयोजित होने वाले चेतना सत्र के दौरान इन बच्चों को रोड सुरक्षा को लेकर प्रशिक्षित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक मयंक वरवड़े ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। 

इसमें कहा गया है कि जो सरकारी स्कूल राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य मुख्य सड़कों पर मौजूद हैं,वहां के छात्र या छात्राओं को सड़क सुरक्षा से जुड़ी बातों की जानकारी खासतौर से मुहैया कराने की आवश्यकता है। इसमें संबंधित दूसरे विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महती भूमिका निभाने के लिए कहा गया है।

स्कूली छात्रों को प्रशिक्षित करने के साथ ही बीच-बीच में छात्रों से इसकी जानकारी भी ली जाएगी। ताकि पता चल सके कि उन्हें कितनी जानकारी हासिल हुई है।

इसलिए लिया गया यह निर्णय

स्कूल जोन सेफ्टी कार्यक्रम के तहत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पटना के 10 स्कूलों की छात्र एवं छात्राओं के बीच सर्वेक्षण कराया गया था। इसके आधार पर प्राप्त अंकेक्षण रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि छात्रों को सड़क सुरक्षा से जुड़े मानकों या मूल बातों की जानकारी ही नहीं है। इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग की तरफ से यह निर्णय लिया गया है। ताकि इस स्थिति में तुरंत सुधार लाया जा सके। यह सर्वे अंतरराष्ट्रीय रोड फेडरेशन संस्थान के भारत चैप्टर की तरफ से वर्ष 2024 में जुलाई-अगस्त महीने में कराई गई थी। पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर कराया गया यह सर्वे बिहार के अलावा असम, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के 10-10 माध्यमिक स्कूलों में कराई गई थी।

रिपोर्ट में सामने आए ये तथ्य

इस अध्ययन में यह बताया गया है कि सड़क सुरक्षा बिहार समेत देश के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। देशभर में सड़क दुर्घटनाओं में सालाना डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है। इसमें बड़ी संख्या में युवाओं की मौत होती है। जबकि पूरी दुनिया में जितनी संख्या में वाहन हैं, उसका महज एक फीसदी वाहन ही हमारे देश में है। बावजूद इसके दुनियाभर में जितनी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, उसमें 22 फीसदी दुर्घटनाएं सिर्फ भारत में होती है। यहां रोजाना औसतन 1130 दुर्घटनाएं और इनमें 422 मौतें होती हैं। 

रिपोर्ट में इस बात की तरफ खासतौर से ध्यान आकर्षित कराया गया है कि इन दुर्घटनाओं में प्रत्येक 45 मिनट में 31 बच्चों की मौत हो जाती है। इसमें 0 से 14 वर्ष के बच्चों का प्रतिशत 38 और 14 से 18 वर्ष के बच्चों की संख्या 64 फीसदी है। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने इन दुर्घटनाओं की स्थिति को कम करने के लिए व्यापक स्तर पर पहल शुरू की है। इसी क्रम में स्कूलों में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूक करने की यह कवायद की जा रही है।

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