Edited By Ramanjot, Updated: 26 Jun, 2025 06:56 PM

बिहार सरकार ने राज्य के शिक्षकों के लिए एक बड़ी और परिवर्तनकारी पहल की है। अब शिक्षक स्वयं अपने स्थानांतरण (Transfer) का विकल्प चुन सकेंगे, जिससे ना केवल उनकी व्यक्तिगत संतुष्टि बढ़ेगी बल्कि विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य भी प्रभावित नहीं होगा।
पटना: बिहार सरकार ने राज्य के शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें स्वेच्छा से स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की है। शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किए गये निर्देश के मुताबिक अब शिक्षक ई-शिक्षक कोष पोर्टल के माध्यम से स्वयं ही अपने स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी किया है और लिखा है कि विभिन्न चरणों में शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है लेकिन 400 किलोमीटर की दूरी से 30 किलोमीटर की दूरी पर पदस्थापन होने के बावजूद वे संतुष्ट नहीं हैं लिहाजा विभिन्न स्तर पर शिकायत दर्ज कराई जा रही है।
जिस विद्यालय से शिक्षकों का स्थानांतरण हो गया है लेकिन वहां अबतक कोई टीचर पदस्थापित नहीं हो सका है, ऐसे में शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है। ट्रांसफर की वजह से विद्यालयों में रिक्त हुए पदों को भरने की चुनौती सामने खड़ी हो गई है इसलिए ये फैसला लिया गया है कि सभी स्तर के शिक्षकगण को अपना ट्रांसफर कर विद्यालय का चयन स्वयं करने का मौका दिया जाए।
एक ही तरह के शिक्षक दो या दो से अधिक अधिकतम 10 शिक्षकों का अपना समूह बनाकर उन विद्यालयों में परस्पर स्थानान्तरण कर सकेंगे। सभी समूह के शिक्षक एक ही श्रेणी के होंगे और परस्पर पदस्थापन उनके वर्तमान में पदस्थापित विद्यालयों के बीच कर सकेंगे।
शिक्षा विभाग के निर्देश के मुताबिक जो भी शिक्षक स्थानांतरण चाहते हैं, वे ई-शिक्षा कोष में लॉगिन कर और उनके जिले में ट्रांसफर के इच्छुक शिक्षकों की सूची देख सकेंगे। वे अपने विषय और कैटेगरी के स्थानांतरण के इच्छुक पूरे पंचायत/प्रखंड/अनुमंडल/जिला की सूची भी देख सकेंगे। इस प्रक्रिया में कोई शिक्षक दो या दो से अधिक अधीनस्थ 10 वैसे शिक्षकों तक का चयन कर सकते हैं, जो पारस्परिक स्थानांतरण के इच्छुक हैं। ओटीपी के माध्यम से संबंधित शिक्षकों का मोबाइल नंबर प्राप्त हो सकेगा, जिनसे संपर्क कर वे अपने इच्छित विद्यालय का चयन कर सकेंगे।
स्थानांतरण का आवेदन ई-शिक्षा कोष के माध्यम से दिया जाएगा। ई-शिक्षा कोष में ओटीपी के माध्यम से सत्यापन होने के तीन दिन में स्थानांतरण का आदेश जारी हो जाएगा। स्थानांतरण आदेश निर्गत होने के सात दिनों के अंदर चयनित विद्यालय में योगदान करना अनिवार्य होगा। अगर पूरे समूह में एक भी शिक्षक योगदान देने से इनकार कर देते हैं तो सभी स्थानांतरित शिक्षकों का ट्रांसफर आदेश रद्द कर दिया जाएगा।
फिलहाल इस नई व्यवस्था से न केवल शिक्षकों को सहूलियत मिलेगी बल्कि शिक्षा विभाग को भी स्कूलों में रिक्त पदों की चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी।