Edited By Ramanjot, Updated: 04 Feb, 2025 05:31 PM
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रेलवे को 2,52,200 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इसका मुख्य उद्देश्य रेलवे के विकास और दक्षता को तेजी से बढ़ावा देना है।
Bihar Rail Budget:केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रेलवे को 2,52,200 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इसका मुख्य उद्देश्य रेलवे के विकास और दक्षता को तेजी से बढ़ावा देना है। इसमें से एक बहुत बड़ी रकम बिहार में रेलवे के विकास में खर्च होगी। इसकी जानकारी दानापुर रेल मंडल के DRM जयंत चौधरी और ADRM आधार राज ने दिया। उन्होंने बताया कि इस बार बिहार के विकास के लिए रेल बजट में बहुत कुछ है उसमें हम लोग डीपीआर बना रहे है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे बोर्ड मुख्यालय तथा सोनपुर डीआरएम कार्यालय से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से रेलवे बजट 2025-26 पर संवाद किया। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे को रिकार्ड 2,52,200 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है, जिससे रेलवे के बुनियादी ढांचे में ऐतिहासिक सुधार होगा।
बिहार में रेलवे परियोजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी:अश्विनी वैष्णव
रेल मंत्री ने बिहार को मिले बजट को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यूपीए शासन (2004-2014) के दौरान जहां हर साल औसतन 1,132 करोड़ मिलते थे। रेल मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में यह राशि बढ़कर 10,066 करोड़ हो गई है, जो पिछले शासन की तुलना में 9 गुना अधिक है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बिहार में रेलवे परियोजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि 86,458 करोड़ की लागत से 5,346 किमी नई रेल लाइन, दोहरीकरण और आमान परिवर्तन की 57 परियोजनाएं प्रगति पर है। 3,164 करोड़ से 98 अमृत भारत स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य जारी है। वहीं 90,000 करोड़ का कुल निवेश रेलवे के विभिन्न विकास कार्यों में होना है।
32,235.24 करोड़ रुपये के बजट के साथ नई रेल लाइनों का तेजी से निर्माण किया जाएगा:रेलमंत्री
रेल मंत्री के मुताबिक, इस वर्ष 32,235.24 करोड़ रुपये के बजट के साथ नई रेल लाइनों का तेजी से निर्माण किया जाएगा। यह राशि वित्त वर्ष 2009-14 के औसत वार्षिक बजट 5,075 करोड़ रुपये से काफी अधिक है। इससे देश के दूरदराज के इलाकों में रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, ट्रैक नवीनीकरण के लिए 22,800 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। पटरियों के दोहरीकरण के लिए 32,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक ऐतिहासिक वृद्धि है।