Edited By Ramanjot, Updated: 16 Feb, 2025 06:15 PM
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शहीद के अंतिम दर्शन के लिए गांव के अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी लोग पहुंचे थे। ग्रामीणों का कहना है कि रवि रंजन बचपन से ही बहादुर थे और देश की सेवा का सपना देखते थे। उनकी अकस्मात मौत से हर कोई स्तब्ध है। वहीं ग्रामीणों के साथ-साथ कई राजनीतिक दलों...
पूर्वी चंपारण: मणिपुर में 13 फरवरी को सीआरपीएफ कैंप (CRPF Camp) में हुई अंधाधुंध फायरिंग (Firing) में शहीद हुए मोतिहारी के जवान रवि रंजन का पार्थिव शरीर शनिवार को जैसे ही उनके पैतृक गांव पहंचा तो इलाके में मातम पसर गया। जवान के अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। वहीं परिवार के लोगों में कोहराम मच गया।
नेताओं ने भी अर्पित की श्रद्धांजलि
शहीद के अंतिम दर्शन के लिए गांव के अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी लोग पहुंचे थे। ग्रामीणों का कहना है कि रवि रंजन बचपन से ही बहादुर थे और देश की सेवा का सपना देखते थे। उनकी अकस्मात मौत से हर कोई स्तब्ध है। वहीं ग्रामीणों के साथ-साथ कई राजनीतिक दलों के नेता भी मौके पर पहुंचे और शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ई. शशि भूषण राय उर्फ गप्पू राय ने शहीद के पिता राजाराम प्रसाद से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी शहीद के परिजनों से फोन पर बात कर गहरी संवेदना व्यक्त की और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
बता दें कि है कि मणिपुर में 13 फरवरी की रात करीब साढ़े आठ बजे आपसी विवाद के चलते सीआरपीएफ कैंप में अंधाधुंध फायरिंग हुई थी। इस फायरिंग में दो जवानों की मौत हो गई थी और आठ जवान घायल हुए थे।