Edited By Ramanjot, Updated: 16 Aug, 2024 12:13 PM
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मछली पालन के जरिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को स्वरोजगार के साधन मुहैया कराना चाहते हैं। इस योजना से सीधे तौर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति समाज से आने वाले लोगों को फायदा होगा। साथ ही इससे बिहार में मछली पालन और मछली...
पटना (विकास कुमार): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उत्थान के लिए प्रयासरत रहे हैं। इसी सिलसिले में बिहार में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मत्स्य पालक किसानों के लिए पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन योजना चलाई जा रही है। इसके लिए किसानों से आवेदन मांगे जा रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य बिहार के पठारी बहुल इलाके में नए तालाब का निर्माण करना है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मछली पालन के जरिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को स्वरोजगार के साधन मुहैया कराना चाहते हैं। इस योजना से सीधे तौर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति समाज से आने वाले लोगों को फायदा होगा। साथ ही इससे बिहार में मछली पालन और मछली उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा और इसके जरिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। इसके तहत राज्य में कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, ताकि अधिक से अधिक किसान इससे जुड़ सके और राज्य में मछली उत्पादन बढ़ सके। बिहार में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मत्स्य कृषक पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन योजना, 2024-25 चलाई जा रही है।इसके लिए किसानों से आवेदन मांगे जा रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य राज्य पठारी बहुल इलाके में नए तालाब का निर्माण करना है, ताकि पठारी क्षेत्रों की भूमि संपदा का सही तरीके से इस्तेमाल हो सके।
बिहार के वे जिले जो पठारी क्षेत्र हैं उन जिलों में इस योजना का कार्यान्वयन किया जाएगा।इन जिलों में बांका, औरंगाबाद, गया, कैमूर, नवादा, जमुई, मुंगेर, और रोहतास का नाम शामिल है।इस योजना का लाभ सिर्फ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मछली पालक किसानों को दिया जाएगा।योजना के तहत एक एकड़ में तालाब की खुदाई करने की लागत 16.70 लाख रुपए है।अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के जो भी लाभुक किसान इस योजना के तहत लाभ लेना चाहते हैं उन्हें 80 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। इसका मतलब लाभुक किसान को 16.70 लाख रुपए पर 80 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा।
‘योजना का लाभ लेने के लिए 30 अगस्त तक कर सकते हैं आवेदन’
इस योजना के तहत किसान तालाब निर्माण के साथ-साथ ट्यूबवेल, सोलर पंपसेट, उन्नट इनपुट और तालाब पर शेड निर्माण के लिए सब्सिडी दी जाएगी।तालाब निर्माण योजना के तहत जो मत्स्य पालक किसान इसका लाभ लेना चाहते हैं उनके पास अपनी जमीन होनी चाहिए या फिर जमीन लीज पर होनी चाहिए। जो लीज पर जमीन ले रहे हैं उसके लीज पेपर की वैल्यू 1000 की होनी चाहिए। लीज एग्रीमेंट कम से कम 9 साल का होना चाहिए। इसके साथ ही जो मत्स्य किसान लाभ लेने के लिए इस योजना में आवेदन करना चाहते हैं वो 30 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं।
इस लिंक पर जाकर कर सकते हैं आवेदन
इस योजना के लिए लाभुक का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में बनाई गई कमिटी के द्वारा किया जाएगा। फिलहाल इस योजना के तहत आवेदन लिए जा रहे हैं। मत्स्य पालक किसान इस लिंक fisheries.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। जिन किसानों ने पहले इस विभाग से खुद को पंजीकरण कराया है वे सीधे वेबसाइट में जाकर आवेदन कर सकते हैं।जिन किसानों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है उन्हें न्यू रजिस्ट्रेशन के लिंक पर क्लिक कर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस आवेदन में किसान से संबंधित पूरी जानकारी जमा करनी होगी। मोबाइल नंबर आने के बाद ओटीपी आएगा तब रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस योजना से पठारी इलाकों में रहने वाले अनुसूचित जाति और जनजाति से आने वाले मत्स्य पालकों को सीधा लाभ मिलेगा। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और साथ ही पठारी इलाकों से पलायन में भी भारी कमी आएगी।