Edited By Ramanjot, Updated: 05 Aug, 2025 09:07 PM
बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा आयोजित "बिहार बायोफ्यूल डायलॉग्स 2025" का सफल आयोजन पटना स्थित होटल मौर्य में संपन्न हुआ।
पटना: बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा आयोजित "बिहार बायोफ्यूल डायलॉग्स 2025" का सफल आयोजन पटना स्थित होटल मौर्य में संपन्न हुआ। इस विशेष अवसर पर राज्य की बहुप्रतीक्षित बायोफ्यूल उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधित) नीति 2025 का औपचारिक अनावरण किया गया।
यह नीति राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने, कंप्रेस्ड बायो-गैस (सीबीजी) के उत्पादन को प्रोत्साहित करने, किसानों की आय में वृद्धि करने और सतत विकास को गति देने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। बायोफ्यूल उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधित) नीति 2025 का औपचारिक अनावरण उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मंच पर उपमुख्यमंत्री, बिहार, सम्राट चौधरी, उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा,मिहिर कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, उद्योग विभाग,विजय लक्ष्मी, अपर मुख्य सचिव, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, सुरेश कुमार रुंगटा, अध्यक्ष, बिहार राज्य उद्यमी एवं व्यवसायी आयोग, कुंदन कुमार, प्रबंध निदेशक, BIADA, सुधीर कुमार पोरिका, डीआईजी, बिहार अग्निशमन सेवा एवं होमगार्ड, मुकुल कुमार गुप्ता, उद्योग निदेशक, शेखर आनंद, निदेशक, तकनीकी, उद्योग विभाग, यशपाल मीणा, निदेशक, हस्तशिल्प एवं रेशम उद्योग,विजय प्रकाश मीणा, अपर सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग उपस्थित थे।
यशपाल मीणा, निदेशक, हस्तशिल्प एवं रेशम उद्योग निदेशालय ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। इसके पश्चात उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बिहार में बायोफ्यूल, विशेष रूप से सीबीजी उत्पादन की संभावनाओं और नई नीति के प्रभावों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि बिहार में सीबीजी उत्पादन हरित ऊर्जा को बढ़ावा देगा और किसानों, उद्यमियों तथा पर्यावरण के लिए लाभकारी होगा। नीति में किए गए संशोधन निवेशकों के लिए स्पष्ट दिशा और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं।
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि बायोफ्यूल सेक्टर में बिहार की नीति नवाचार, निवेश और नवसृजन को प्रेरित करने वाली है। यह न केवल राज्य की हरित ऊर्जा की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि किसानों के लिए नए अवसर भी लेकर आती है। आने वाले समय में बिहार बायोफ्यूल उत्पादन में अग्रणी राज्यों में शामिल होगा। ये नीति प्रधानमंत्री के विकसित भारत की ओर महत्तवपूर्ण कदम है।

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार को सीबीजी जैसे विकल्पों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वेस्ट टू वेल्थ की सोच को साकार करने का यह सही समय है, जिससे राज्य को आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक लाभ मिलेगा। यह नीति आने वाले वर्षों में हरित बिहार की दिशा में मजबूत आधार बनेगी।
"इंडस्ट्री स्पीक्स" सत्र में विभिन्न निवेशकों ने राज्य सरकार की नीति की सराहना की और सीबीजी क्षेत्र में निवेश की गंभीर इच्छा जताई।
वर्तमान में बिहार में 12 इथेनॉल इकाइयां कार्यरत हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 1617.5 किलोलीटर प्रति दिन है। BIADA चयनित औद्योगिक क्षेत्रों में सीबीजी इकाइयों के लिए ओएमसी और निजी आपूर्तिकर्ताओं को 25% औद्योगिक भूमि 30 वर्षों के लिए 75,000 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर पर पट्टे पर देगा। इस आयोजन के पश्चात बिहार को महत्वपूर्ण निवेश प्राप्त होने की संभावना है, जो राज्य के आर्थिक और पर्यावरणीय विकास को और गति देगा।