Edited By Ramanjot, Updated: 04 Aug, 2025 09:33 PM

देश के पिछड़े राज्यों में गिना जाने वाला राज्य बिहार,अब आसमान की ऊंचाई छूने को तैयार है। फिलहाल बिहार के तीन राज्यों पटना,गया और दरभंगा सहित तीन एयरपोर्ट हैं।
पटना:देश के पिछड़े राज्यों में गिना जाने वाला राज्य बिहार,अब आसमान की ऊंचाई छूने को तैयार है। फिलहाल बिहार के तीन राज्यों पटना,गया और दरभंगा सहित तीन एयरपोर्ट हैं। जल्द ही पूर्णिया को भी एयरपोर्ट मिलने वाला है। इसके बाद बिहार में कुल चार एयरपोर्ट हो जाएंगे। अगस्त महीने में राज्य हवाई कनेक्टिविटी की उड़ान भरने वाला है। पूर्णिया को एक इस माह एक और एयर पोर्ट मिलने की संभावना है।
हवाई यात्रियों की संख्या में 2209 फीसद बढ़ी!
बिहार सरकार कहना है कि बिहार में तेजी हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ी है। बीते 20 सालों में बिहार में हवाई यात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। जिसका नतीजा है कि केंद्र सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण काफी उत्साहित है। केंद्र की ‘उड़ान’ योजना के तहत बिहार के अन्य जिलों को हवाई कनेक्टिविटी से जोड़ने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। सरकार के आंकडे के मुताबिक जहां, 2005 में पूरे बिहार में महज 2 लाख 47 हजार लोग हवाई यात्रा करते थे, वहीं आज यह संख्या 57 लाख के पार पहुंच चुकी है। हवाई यात्रियों का यह आंकड़ा बिहार के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है। हवाई यात्रियों की संख्या में 28.5 गुना का इजाफ हुआ।
2 करोड़ हवाई यात्रियों का लक्ष्य!
बिहार सरकार की ओर से अगले दो सालों में यहां के हवाई यात्रियों की संख्या को दो करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर बिहार सरकार और एयरपोर्ट आथॉरिटी और इंडिया की ओर से एमओयू भी साइन किया गया है। बिहार में अगले दो सालों के भीतर छह और एयरपोर्ट के विकास के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया जा चुका है। इनमें मधुबनी, बीरपुर (सुपौल), मुंगेर, वाल्मिकी नगर, मुजफ्फरपुर और सहरसा शामिल है। पहले फेस के निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये को मंजूरी भी दी जा चुकी है। ताकि बिहार के लोगों को सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध की जा सके।
आर्थिक उड़ान तय
राज्य के उद्योग विभाग के अवर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह का कहना है, “बिहार में हवाई कनेक्टिविटी जितनी मजबूत होगी, उतनी ही राज्य की अर्थव्यवस्था की उड़ान ऊंची होगी। इससे बिहार के उत्पादों को देश-दुनिया में पहुंचाना न केवल आसान होगा, बल्कि समय की भी बचत होगी।” उन्होंने ये बात बिहारअक्षय ऊर्जा 2025 नीति के उद्घाटन के दौरान कही थी। बताते चलें, भागलपुर का जर्दालु आम, कतरनी चूड़ा, हाजीपुर का चिनिया केला, मिथिला का मखाना, नालंदा का मगही पान, सिलाव का खाजा, मनेर का लड्डू, चंपारण का मर्चा चूड़ा अपनी विशेष पहचान रखता है। बिहार के ये उत्पाद देश ही नहीं, विदेशों में भी लोकप्रिय हैं। मजबूत एयर कनेक्टिविटी इन उत्पादों की वैश्विक पहचान को सशक्त बनाने में मददगार साबित होगी।
राज्य को चाहिए 'उड़ान' की रफ्तार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने का यह प्रयास आधारभूत संरचनाओं का विकास किया है। अब जबकि रेल और सड़क के बाद हवाई संपर्क भी पंख फैला रहे है, तो इसमें कोई दो राय नहीं कि बिहार अब सिर्फ जमीन पर नहीं, बल्कि आसमान में भी छलांग लगाने को तैयार है। जिसका प्रमाण है कि बिहार में अगले दो साल में लगभग एक दर्जन हवाई अड्डे होंगे।