Edited By Harman, Updated: 05 Feb, 2025 12:09 PM
बिहार में जमुई जिले के बरहट के गूगलडीह इलाके की रहने वाली आंचल आर्या और उनके पति नीतीश कुमार का पशु प्रेम मेले में आकर्षण का केंद्र बन गया है। झाझा प्रखंड के धमना में हो रहे महालक्ष्मी यज्ञ मेले में जब यह दंपति पहुंचे तो उनके हाथों में एक देसी...
जमुई: बिहार में जमुई जिले के बरहट के गूगलडीह इलाके की रहने वाली आंचल आर्या और उनके पति नीतीश कुमार का पशु प्रेम मेले में आकर्षण का केंद्र बन गया है। झाझा प्रखंड के धमना में हो रहे महालक्ष्मी यज्ञ मेले में जब यह दंपति पहुंचे तो उनके हाथों में एक देसी कुत्ते का नन्हा पिल्ला देखकर लोग हैरान रह गए। आमतौर पर लोग मेले में अपने बच्चों या दोस्तों के साथ घूमते हैं लेकिन आंचल आर्या अपने गोद में पिल्ले को लेकर घूम रही थीं, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया।
पिल्ले को सड़क से उठाकर बनाया परिवार का हिस्सा
आंचल आर्या ने बताया कि इस पिल्ले को उन्होंने सड़क से उठाकर अपना लिया और अब यह उनके परिवार का हिस्सा बन चुका है। इस नन्हे पिल्ले का नाम उन्होंने ‘शेरू' रखा है और वे इसे अपने बच्चे की तरह पाल रही हैं। आंचल ने कहा, शेरू सिर्फ एक पालतू जानवर नहीं, बल्कि हमारे परिवार का सदस्य है। हम इसे कहीं भी अकेला नहीं छोड़ सकते। यह मेरी हर बात समझता है और मेरे कहने पर मुझे किस भी करता है। आंचल ने बताया कि इसकी उम्र अभी मात्र डेढ़ महीने है। मेले में जब लोग इस दंपति को पिल्ले के साथ घूमते हुए देख रहे थे, तो कुछ ने इसे अजीब समझा, लेकिन कई लोग उनके इस पशु प्रेम की तारीफ भी कर रहे थे।
आंचल आर्या को जानवरों से खास लगाव
पति नीतीश कुमार, जो बेंगलुरु में आरसीबी टीम के लिए टी-शर्ट बनाने का काम करते हैं, ने बताया कि उनकी पत्नी आंचल आर्या को जानवरों से खास लगाव है। उन्होंने कहा, मैंने आंचल से कई बार कहा कि हम कोई विदेशी नस्ल का कुत्ता ला सकते हैं, लेकिन उन्हें देसी कुत्ते ही पसंद हैं। यह जानवर भी प्यार और देखभाल के हकदार हैं, इसलिए हमें इन्हें अपनाना चाहिए। आंचल और नीतीश की यह सोच कि सड़क पर बेसहारा घूम रहे जानवरों की मदद करनी चाहिए, मेले में आए लोगों को बहुत प्रभावित कर रही थी। दंपति का मानना है कि हर किसी को ऐसे जानवरों की देखभाल करनी चाहिए, जो बेसहारा हैं और जिन्हें कोई अपनाने को तैयार नहीं होता।
बेसहारा घूम रहे जानवरों की मदद करने का दिया संदेश
जब मेले में कई लोग उन्हें घूर-घूर कर देखने लगे, तो आंचल ने मुस्कुराते हुए कहा, लोगों का काम है देखना। हमें फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि हमें पता है कि हम सही कर रहे हैं। उनके इस जवाब ने वहां मौजूद कई लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। आंचल और नीतीश समाज में एक नई सोच ला रहे हैं। वे साबित कर रहे हैं कि प्यार सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि जानवरों के प्रति भी हमें संवेदनशील होना चाहिए। उनका यह कदम पशु प्रेमियों के लिए एक प्रेरणा बन सकता है और समाज में बेसहारा जानवरों के प्रति प्रेम और दया को बढ़ावा दे सकता है।