बाढ़ प्रभावित लोगों को आपात स्थिति में त्वरित प्राथमिक उपचार की दी जा रही सुविधाः स्वास्थ्य मंत्री

Edited By Ramanjot, Updated: 06 Sep, 2021 12:09 PM

facility of quick first aid in flood affected areas mangal

मंगल पांडेय ने रविवार को कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी दवाओं के साथ-साथ चिकित्सकों की टीम की भी तैनाती की गई है। ब्लीचिंग पाउ़डर के छिड़काव से लेकर हेलोजोन टैबलेट को जिलों में आकलन कर उसकी उपलब्धता सिविल सर्जन के जरिए सुनिश्चित की जा रही है।...

पटनाः बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को आपात स्थिति में त्वरित प्राथमिक उपचार की सुविधा दी जा रही है।

मंगल पांडेय ने रविवार को कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी दवाओं के साथ-साथ चिकित्सकों की टीम की भी तैनाती की गई है। ब्लीचिंग पाउ़डर के छिड़काव से लेकर हेलोजोन टैबलेट को जिलों में आकलन कर उसकी उपलब्धता सिविल सर्जन के जरिए सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि एएसवीएस (स्नेक वेनोम एंटीसीरेम) जिला औषधि भंडार में एक हजार वायल तथा बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में 50 वायल उपलब्ध करवाई गई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि एआरवी (एंटी रैबिज वैक्सीन) जिला औषधि भंडार में 750 वायल और बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में 30 वायल उपलब्ध है। ओआरएस पैकेट जिला औषधि भंडार में 50 हजार जबकि बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में 10 हजार पैकेट, जिंक टैबलेट जिला औषधि भंडार में 30 हजार और बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में तीन हजार टैबलेट की उपलब्धता है। इसी तरह हेलोजोन टैबलेट जिला औषधि भंडार में 50 हजार वहीं बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में दस हजार उपलब्ध करवा दी गई है। ब्लीचिंग पाउडर भी सभी जिलों के औषधि भंडार में 500 बैग और बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में 25 बैग उपलब्ध करवाई गई। इसी तरह चूना जिला औषधि भंडार में 1500 बैग और बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में 75 बैग उपलब्ध है।

पांडेय ने बताया कि बाढ़ एवं उससे उत्पन्न जलजनित महामारी की रोकथाम के दौरान कोविड के संक्रमण से बचाव के समुचित उपाय भी किए जा रहे हैं। प्रभावित इलाकों में ऐसी महिलाएं, जो गर्भवती हैं और उनका प्रसव बाढ़ की अवधि में होना है। वैसी महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वहां आशा कार्यकर्ता, आशा फैसिलिटेटर एवं एएनएम द्वारा प्रति सप्ताह लाइन लिस्टिंग का कार्य हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बाढ़ के दौरान नियमित टीकाकरण एवं कोविड टीकाकरण के निर्बाध संचालन के लिए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी की देख-रेख में आशा एवं एएनएम से समन्वय कर वैकल्पिक टीकाकरण स्थान को चिह्नित किया गया है। इनके अलावा चलंत चिकित्सा दल भी गठित किया गया है, जिसमें सारी सुविधाएं मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि जहां बाढ़ का पानी कम हो रहा है, वहां ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव तेज किया गया है।

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