Edited By Swati Sharma, Updated: 18 Jul, 2025 06:27 PM
Barh Assembly Seat: बाढ़ विधानसभा सीट मुंगेर लोकसभा के तहत आता है.....बाढ़ विधानसभा सीट 1951 से अस्तित्व में है। 1951 में बाढ़ से कांग्रेसी कैंडिडेट राणा श्योलाख पति सिंह ने पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। 1957 के चुनाव में बाढ़ सीट...
Barh Assembly Seat: बाढ़ विधानसभा सीट मुंगेर लोकसभा के तहत आता है.....बाढ़ विधानसभा सीट 1951 से अस्तित्व में है। 1951 में बाढ़ से कांग्रेसी कैंडिडेट राणा श्योलाख पति सिंह ने पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। 1957 के चुनाव में बाढ़ सीट से कांग्रेस की टिकट पर रामयतन सिंह ने विरोधियों को मात देने में कामयाबी हासिल की थी। 1962 के चुनाव में इस सीट से एक बार फिर राणा श्योलाख पति सिंह ने एक बार फिर बाढ़ सीट से जीत हासिल की थी तो 1967 में बाढ़ सीट से पहली बार गैर कांग्रेसी पार्टी ने जीत हासिल की थी। 1967 में बाढ़ से जनक्रांति दल के कैंडिडेट टीपी सिंह ने विरोधियों को मात देने में कामयाबी हासिल की थी, लेकिन 1969 के चुनाव में एक बार फिर बाढ़ सीट को कांग्रेस ने अपने पाले में कर लिया।
1969 के चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट राणा श्योलाख पति सिंह ने आम लोगों का भरोसा जीतने में कामयाबी हासिल की थी। 1972 में बाढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस कैंडिडेट द्वारिका नाथ सिंह ने जीत हासिल की थी। वहीं 1977 के चुनाव में कौशल्या देवी ने जनता पार्टी की टिकट पर बाढ़ सीट को अपने पाले में कर लिया। 1980 में इस सीट से सीपीआई कैंडिडेट नारायण यादव ने सभी विरोधियों को धूल चटा दिया था। वहीं 1985 में बाढ़ सीट पर शकुनी चौधरी ने जीत हासिल की थी। 1990 में शकुनी चौधरी ने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए जीत का सिलसिला कायम रखा था। वहीं, 1995 और 2000 में भी शकुनी चौधरी ने इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा था। वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में रामस्वरूप प्रसाद ने जेडीयू की टिकट पर जीत हासिल किया था। 2010, 2015 और 2020 के चुनाव में ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बाढ़ पर जीत का परचम लहराया था।
Barh Assembly Seat Result 2020।। एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं, 2020 के चुनाव में बाढ़ सीट पर बीजेपी उम्मीदवार ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। ज्ञानेंद्र कुमार सिंह को 49 हजार तीन सौ 27 वोट मिला था तो सत्येंद्र बहादुर 39 हजार 87 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने सत्येंद्र बहादुर को 10 हजार दो सौ 40 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट कर्णवीर सिंह यादव 38 हजार चार सौ छह वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

Barh Assembly Seat Result 2015।। एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं, 2015 के विधानसभा चुनाव में बाढ सीट से बीजेपी की टिकट पर ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। ज्ञानेंद्र कुमार सिंह को 63 हजार नौ सौ 89 वोट मिला था तो जेडीयू कैंडिडेट मनोज कुमार को 55 हजार छह सौ 50 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से बीजेपी कैंडिडेट ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने जेडीयू कैंडिडेट मनोज कुमार को 8 हजार तीन सौ 39 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं 3 हजार नौ सौ 33 वोटों के साथ नोटा तीसरे स्थान पर रहा था।

Barh Assembly Seat Result 2010।। एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं, 2010 के विधानसभा चुनाव में बाढ़ सीट पर जेडीयू कैंडिडेट ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने जीत हासिल किया था। ज्ञानेंद्र कुमार सिंह को 53 हजार एक सौ 29 वोट मिला था, जबकि आरजेडी कैंडिडेट विजय कृष्णा ने 33 हजार सात सौ 34 वोट हासिल किया था। इस तरह से ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने विजय कृष्णा को 19 हजार तीन सौ 95 वोट से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट जितेंद्र प्रसाद सिंह ने 10 हजार एक सौ 14 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

Barh Assembly Seat Result 2005।। एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं, 2005 के विधानसभा चुनाव में बाढ़ सीट से जेडीयू कैंडिडेट ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। ज्ञानेंद्र कुमार सिंह को 37 हजार छह सौ 67 वोट ही मिला था, जबकि आरजेडी कैंडिडेट अनिल कुमार सिंह को 24 हजार 31 वोट मिले थे। इस तरह से ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने अनिल कुमार सिंह को 13 हजार छह सौ 36 वोट से हरा दिया था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट शीला देवी ने 16 हजार छह सौ 19 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

बाढ़ विधानसभा सीट पर राजपूत, यादव,भूमिहार,ब्राह्मण,रविदास और पासवान वोटरों की अहम भूमिका है। वैसे इस सीट पर तेजस्वी यादव को कांग्रेस का पत्ता काटकर आरजेडी उम्मीदवार को उतारना चाहिए। अगर बाढ़ से आरजेडी उम्मीदवार चुनाव लड़ा तो ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को टक्कर मिल सकती है। वैसे 2024 के लोकसभा चुनाव में बाढ़ विधानसभा से जेडीयू उम्मीदवार ने बड़ी बढ़त कायम की थी, इसलिए महागठबंधन का बाढ़ में पार पाना इतना आसान भी नहीं है।