Edited By Harman, Updated: 14 Oct, 2024 11:44 AM
लड़कियाँ अब खुद को कमजोर और बेबस न समझकर यातनाओं को सहन नहीं कर रही है, बल्कि अपनी शिक्षा व अधिकारों का प्रयोग कर अपने सपनों को साकार कर समाज में खुद की पहचान बना रही है। इसी क्रम में बांका जिले के अमरपुर शहर के वार्ड संख्या 8 निवासी रिया कुमारी जो...
बांका: नारी सशक्तिकरण के युग में लड़कियाँ पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर प्रत्येक क्षेत्र में कार्य कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही है। नारियों की दुनियाँ सिर्फ घर और रसोई तक सीमित नहीं है। अब खुद को कमजोर और बेबस न समझकर यातनाओं को सहन नहीं कर रही है, बल्कि अपनी शिक्षा व अधिकारों का प्रयोग कर अपने सपनों को साकार कर समाज में खुद की पहचान बना रही है। इसी क्रम में बांका जिले के अमरपुर शहर के वार्ड संख्या 8 निवासी रिया कुमारी जो कि अपनी कठोर मेहनत व आशावादी सोच के साथ 1 साल पूर्व पहले ही प्रयास में बीएसएफ में चयनित हो गई। उसकी इस सफलता पर माता-पिता के साथ पूरा मोहल्ला भी गर्व से भर गया। वहीं, सीमा सुरक्षा बल की ट्रेनिंग से लौटने पर गांव में उसका भव्य स्वागत किया गया।
बता दें कि 1 साल की ट्रेनिंग लेकर अपने घर लौटी तो मोहल्ला वासियों ने रिया कुमारी का ढोल नगाड़े के साथ स्वागत किया और फूल माला पहनाकर स्वागत किया। सारे गांव को दुल्हन की तरह सजाया गया। मोहल्ले का हर व्यक्ति ने रिया कुमारी की इस कामयाबी पर खुशी जाहिर की। बता दें कि रिया के पिता फलों की दुकान चलाते हैं। मुश्किल हालातों से जूझते हुए रिया को पढ़ा लिखा कर इस मुकाम तक पहुंचाया। वहीं इस मौके पर पिता श्रवण साह अपनी बेटी को देख कर भाव विभोर हो गए। अपनी बेटी की कामयाबी पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मेरी बेटी ने जो ठाना, उसे करके दिखाया। यह उसकी कड़ी मेहनत का ही फल है।
साथ ही रिया की माता भी इस मौके पर भावुक हो उठी। इस दौरान रिया के माता पिता ने बताया उनके तीन बच्चे है। एक बेटी रिया और दो बेटे पीयूष और आयुष है, जो अंडर मैट्रिक की पढ़ाई कर रहे हैं। भाई बहनों में सबसे बड़ी रिया है और अपनी प्रतिभा से 1 साल पूर्व पहले ही प्रयास में बीएसएफ में चयनित हो गई। साथ ही इस दौरान अपनी बेटी के स्वागत को देख माता- पिता भी भावुक हो गए। वे अपने आंसू को रोक नहीं पाए।