Edited By Swati Sharma, Updated: 15 Nov, 2024 01:05 PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर बिहार के जमुई से 6,640 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मोदी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित एक समारोह में भाग लेने के लिए...
जमुई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर बिहार के जमुई से 6,640 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मोदी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित एक समारोह में भाग लेने के लिए जमुई आए हुए थे। बिरसा मुंडा एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें छोटानागपुर पठार के आदिवासी समुदाय के लोग प्रेमपूर्वक ‘‘भगवान'' कहते हैं। मोदी ने राज्य की राजधानी से लगभग 200 किलोमीटर दूर जमुई जिले के एक सुदूर गांव में ‘‘जनजातीय गौरव दिवस'' के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने मुंडा के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट का अनावरण भी किया। उन्होंने पीएम जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के तहत आदिवासी परिवारों के लिए बनाए गए 11,000 घरों के 'गृह प्रवेश' में भी वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
'आज जब हम जनजातीय गौरव वर्ष की शुरुआत कर रहे'
वहीं, इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज बहुत ही पवित्र दिन है। आज कार्तिक पूर्णिमा है, देव दीपावली है और आज गुरु नानक देव जी का 555 वां प्रकाश पर्व भी है। मैं सभी देशवासियों को इन पर्वों की बधाई देता हूं। आज का दिन हर देशवासी के लिए एक और वजह से ऐतिहासिक है। आज भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती है। राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस है। मैं सभी देशवासियों को और खासतौर पर अपने आदिवासी भाई-बहनों को जनजातीय गौरव दिवस की बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि आज जब हम जनजातीय गौरव वर्ष की शुरुआत कर रहे हैं तब ये समझना भी बहुत जरूरी है कि इस आयोजन की आवश्यकता क्यों हुई? ये इतिहास के एक बहुत बड़े अन्याय को दूर करने का एक ईमानदार प्रयास है।
'आदिवासी समाज के योगदान को इतिहास में वो स्थान नहीं दिया गया'
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद आदिवासी समाज के योगदान को इतिहास में वो स्थान नहीं दिया गया जिसका मेरा आदिवासी समाज हकदार था। आदिवासी समाज वो है जिसने राजकुमार राम को भगवान राम बनाया। आदिवासी समाज वो है जिसने भारत की संस्कृति और आजादी की रक्षा के लिए, सैकड़ों वर्षों की लड़ाई को नेतृत्व दिया। लेकिन आजादी के बाद के दशकों में आदिवासी इतिहास के इस अनमोल योगदान को मिटाने के लिए कोशिश की गई। इसके पीछे भी स्वार्थ भरी राजनीति थी। राजनीति ये कि भारत की आजादी के लिए केवल एक ही दल को श्रेय दिया जाए। लेकिन अगर एक ही दल, एक ही परिवार ने आजादी दिलाई तो भगवान बिरसा मुंडा का उलगुलान आंदोलन क्यों हुआ था? संथाल क्रांति क्या थी? कोल क्रांति क्या थी? जिसको पिछली सरकारों ने नहीं पूछा, उसे मोदी पूजता है।
वहीं, इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री देश के लिए एक-एक काम कर रहे हैं और बिहार की भी पूरी तरह से मदद कर रहे हैं। आज जमुई में भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस पर जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया गया है। भगवान बिरसा मुंडा आदिवासी समाज के नायक थे जिन्होने जनजातीय समाज के लोगों के लिए संघर्ष किया था। उनके जन्म के समय बंगाल, बिहार, ओडिशा सब एक ही राज्य थे... झारखंड वर्ष 2000 में अलग राज्य बना। उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड राज्य बनाने का निर्णय लिया... देश की आजादी और आदिवासी समाज के उत्थान में भगवान बिरसा मुंडा का बड़ा योगदान रहा।