Edited By Ramanjot, Updated: 26 Jun, 2025 07:13 PM

राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र का विकास गया के पास डोभी प्रखंड (शेरघाटी अनुमंडल) में किया जा रहा है। इसके लिए इस इलाके में 1 हजार 670 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है।
पटना:राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र का विकास गया के पास डोभी प्रखंड (शेरघाटी अनुमंडल) में किया जा रहा है। इसके लिए इस इलाके में 1 हजार 670 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। अमृतसर-कोलकाता कॉरिडोर (एकेआईसी) प्रोजेक्ट के तहत गया में समेकित विनिर्माण कलस्टर (आईएमसी) का निर्माण कराया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट की प्रगति को लेकर कुछ दिन पहले मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा के स्तर पर एक विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें यह निर्णय लिया गया कि इसका निर्माण पूरा करने के लिए जुलाई के पहले सप्ताह में संबंधित कंपनी या एजेंसी का चयन करने के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा। सभी मानकों पर खरा उतरने वाली एजेंसी का चयन इस कार्य के लिए कर लिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर का यह प्रोजेक्ट 5 राज्यों से जुड़ा हुआ है। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास कार्यक्रम के अंतर्गत ही आईएमसी गया का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें एग्रो एवं खाद्य प्रसंस्करण, रेडीमेड गार्मेट और टेक्निकल इंडस्ट्री (ऑटो पार्ट्स, स्टील आधारित उत्पाद, एयरोस्पेश एवं डिफेंस, भवन सामाग्री, फर्नीचर एवं हैंडलूम और हैंडिक्रॉफ्ट) से जुड़े उद्योगों को यहां विकसित कराए जाने की योजना है।
16 हजार 524 करोड़ रुपये निवेश की संभावना
आईएमसी गया को राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 1 हजार 339 करोड़ रुपये है। इससे 1 लाख 9 हजार लोगों के लिए रोजगार सृजित होने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट के लिए 1670 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने पर 462 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसके विकसित हो जाने के बाद यहां 16 हजार 524 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है।
स्टेट ऑफ आर्ट की तर्ज पर विकसित की योजना
इस औद्योगिक स्थान को स्टेट ऑफ आर्ट के तौर पर विकसित करने की योजना है। यहां औद्योगिक इकाईयों को प्लग एंड प्ले की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा यहां सड़क, बिजली, पानी समेत अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने की योजना है। गया के डोभी प्रखंड के पास चिन्हित इस स्थान को एनएच-19 (जीटी रोड) से जोड़ने के लिए एक विशेष सड़क परियोजना को मंजूरी दी गई है। इससे सड़क स्वर्ण चतुर्भूज सड़क योजना से सीधे तौर पर जुड़ जाएगी। इस सड़क के निर्माण को लेकर 16 मई को हुई राज्य मंत्रिमंडल समूह की बैठक में 142 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी।
अब तक यह हुआ इसमें
गया यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है। यहां इस योजना के शुरू होने से इसे एक नई पहचान मिलेगी। इस प्रोजेक्ट को समुचित तरीके से विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने इस वर्ष 6 मार्च को स्टांप ड्यूटी में छूट की घोषणा की। 18 मार्च को पर्यावरणीय क्लियरेंस प्रदान की गई। प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग करने के लिए एक कंपनी का चयन कर लिया गया है।
यह होगा इससे फायदा
इस प्रोजेक्ट के तैयार हो जाने से बिहार राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक कॉरिडोर के फलक पर मजबूती से उभरेगा। पूर्व के बाजार से जुड़ जाएगा। साथ ही पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के अलावा नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के बाजार से सीधे तौर पर जुड़ जाएगा।