क्या हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहा है स्वास्थ्य विभाग? किसी भी कार्रवाई पर रोक के बावजूद हो रहा काम

Edited By Ramanjot, Updated: 30 Jan, 2025 12:00 PM

is the health department violating the high court order

पूरा मामला बिहार स्टेट हेल्थ सोसाइटी के एक निविदा से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि 24 जनवरी को पटना हाईकोर्ट ने साइंस हाउस नाम की एक कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए, बिहार स्टेट हेल्थ सोसाइटी को यह निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक सोसाइटी निविदा...

Bihar News: क्या स्वास्थ्य विभाग पटना हाईकोर्ट के निर्देश का उल्लंघन कर रहा है?...दरअसल, दावा किया जा रहा है कि हाईकोर्ट द्वारा किसी भी नई कार्रवाई पर रोक लगाने के बावजूद काम हो रहा है। कोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए नई कंपनी जबरन काम करने पर उतारू है, और अस्पताल प्रशासन भी मौन रहकर उसे काम करने दे रहा है। 

पूरा मामला बिहार स्टेट हेल्थ सोसाइटी के एक निविदा से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि 24 जनवरी को पटना हाईकोर्ट ने साइंस हाउस नाम की एक कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए, बिहार स्टेट हेल्थ सोसाइटी को यह निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक सोसाइटी निविदा संबंधी किसी भी नई कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। लेकिन कोर्ट के इस फैसले का ना तो बिहार स्टेट हेल्थ सोसाइटी ने पालन किया और न ही हिंदुस्तान वेलनेस कंपनी ने। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या स्वास्थ्य विभाग पटना हाईकोर्ट के निर्देश का उल्लंघन कर रहा है?

आपकों बता दें कि बिहार में सरकारी अस्पतालों में पैथोलॉजी टेस्ट और अन्य सेवाओं के लिए सरकार निजी कंपनियों के साथ कई सालों से काम कर रही है। इसी के तहत पिछले पांच साल से पीओसीटी नाम की कंपनी पूरे बिहार के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में जांच का काम कर रही है। 2023 में इस कंपनी को 3 साल का एक्सटेंशन भी दिया गया। लेकिन इस बीच अक्टूबर 2024 में इसी पैथोलॉजी जांच के लिए बिहार स्टेट हेल्थ सोसाइटी ने एक निविदा खोला था। जिसे लेकर तमाम विवाद सामने आए। पहले निविदा में सबसे कम कीमत की बोली साइंस हाउस की आई, लेकिन उसकी बोली इस आधार पर रद्द कर दी गई कि इस कंपनी ने प्राइस बिड में अलग अलग रेट कोट किए है और बिहार स्टेट हेल्थ सोसाइटी ने दूसरे नंबर पर आई हिन्दुस्तान वेलनेस को विजेता घोषित कर उसके पक्ष में पत्र जारी कर दिया। 

साइंस हाउस ने इस पर हाई कोर्ट का रुख किया और एक याचिका दायर करते हुए यह आरोप लगाया कि टिपोग्राफी गलती का सहारा लेकर स्टेट हेल्थ सोसाइटी ने उसकी निविदा गलत तरीके से खारिज कर दूसरी कंपनी को काम अलॉट कर दिया। साइंस हाउस ने इसमें भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया। इधर, पहले से काम कर रही पीओसीटी भी एक अलग याचिका के जरिए पूरी निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। 24 जनवरी को पटना हाईकोर्ट की जस्टिस पी बी बजंतरी की बेंच ने साइंस हाउस की याचिका पर यह व्यवस्था देते हुए स्टेट हेल्थ सोसाइटी को यह निर्देश दिया कि अगली सुनवाई की तिथि तक कोई नई व्यवस्था लागू न करे। यह बेंच 31 जनवरी को साइंस हाउस और पीओसीटी की याचिका पर एक साथ सुनवाई करेगी।

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