Edited By Ramanjot, Updated: 09 Jun, 2025 09:12 PM

बिहार सरकार पशु एवं मत्स्य उत्पादों के उत्पादन को बढ़ाकर किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयास कर रही है।
पटना:बिहार सरकार पशु एवं मत्स्य उत्पादों के उत्पादन को बढ़ाकर किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पशुपालकों के लिए जून माह का विशेष कैलेंडर जारी किया है। इसमें पशुओं की देखभाल और उन्हें चारा देने से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए हैं। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के इस विशेष कैलेंडर में कही गई बातों पर ध्यान देकर किसान जहां एक ओर पशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं वहीं दूसरी ओर पशुओं की उत्पादकता को बढ़ाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
विभाग द्वारा जारी इस पशुपालक कैलेंडर में कहा है कि पशुओं को एच.एस. और बी.क्यू. टीकाकरण से 10-15 दिन पहले डिवॉर्मिंग करवानी चाहिए, ताकि टीका अधिक प्रभावी हो। साथ ही पशुओं को प्रतिदिन 50-60 ग्राम खनिज मिश्रण और 20 ग्राम नमक प्रतिदिन देना चाहिए। जून माह में अधिक दूध देने वाली गायों और भैंसों को 70-100 मिलीलीटर तरल कैल्सियम और फॉस्फोरस प्रतिदिन पिलाना चाहिए।
इसके अलावा, जून के गर्म मौसम को ध्यान में रखते हुए, पशुओं के लिए छायादार शेड का निर्माण और स्वच्छ पानी की पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए। पशुओं को बाह्य परजीवियों से बचाव के लिए पशु चिकित्सक की सलाह पर नियमित रूप से दवाएं दें।
इस कैलेंडर में बताया गया है कि किसान चारा उत्पादन के लिए अप्रैल में बोई गई ज्वार को 2-3 बार पानी देना जरुरी है। साथ ही, खरीफ चारे जैसे ज्वार, बाजरा, बोड़ा और दीनानाथ की बुआई शुरू कर देनी चाहिए, ताकि बरसात में अच्छी पैदावार मिल सके। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पशुपालकों से इन दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए पशुपालक स्थानीय पशु चिकित्सक या पशुपालन कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।