Edited By Ramanjot, Updated: 22 Jul, 2025 06:59 PM

भारतीय सेना के शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं और पूर्व सैनिकों की पत्नी या पुत्रियों को स्वाबलंबी बनाने के लिए सैनिक कल्याण निदेशालय ने एक नई पहल की है।
पटना:भारतीय सेना के शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं और पूर्व सैनिकों की पत्नी या पुत्रियों को स्वाबलंबी बनाने के लिए सैनिक कल्याण निदेशालय ने एक नई पहल की है। अब सेना के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के स्कूली पोशाकों को सिलने की जिम्मेदारी इन वीरांगनों को सौंपी जा रही है। इसके लिए सैनिक कल्याण निदेशालय ने भारतीय स्टेट बैंक और नव अस्तित्व फाउंडेशन के सहयोग से राजधानी के अल्बर्ट एक्का भवन में इन वीर महिलाओं को कपड़े सिलने का दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है।
प्रशिक्षण के बाद इन वीरांगनों को भारतीय स्टेट बैंक के द्वारा स्वचालित सिलाई मशीन और सिलाई टूल किट्स प्रदान किये जाएंगे। इन महिलाओं के लिए सिलाई का प्रशिक्षण गैर सरकारी संस्था नव अस्तित्व फाउंडेशन द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है।
बिहार रेजीमेंटल सेंटर के ब्रिगेडियर केडी जसपाल ने मंगलवार को अल्बर्ट एक्का भवन में इस प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करते हुए कहा कि सैनिकों की पत्नियों और बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से इस शिविर का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने इस नेक काम के लिए सैनिक कल्याण निदेशालय,भारतीय स्टेट बैंक और नव अस्तित्व फाउंडेशन को बधाई दी और कहा कि इस प्रशिक्षण से इन वीरांगनाओं को काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि आप अपना काम शुरू कीजिए, आपके उत्पाद को बाजार सेना उपलब्ध कराएगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के देशभर में सैकड़ों स्कूल चलते हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पोशाक का ऑर्डर इन्हीं वीरांगनाओं को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वीर नारी और उनके आश्रितों के लिए यह एक उत्कृष्ट पहल है। इस तरह का प्रशिक्षण शिविर राज्य के अन्य जिलों में भी समय-समय पर आयोजित किया जाएगा।
इस मौके पर बिहार रेजिमेंटल सेंटर के कमांडेंट केडी जसपाल के अलावा भारतीय स्टेट बैंक के बिहार-झारखंड के चीफ जेनरल मैनेजर बीके बंगारराजू, सैनिक कल्याण निदेशालय के निदेशक ब्रिगेडियर मृगेंद्र कुमार, सहायक निदेशक कर्नल संतोष कुमार त्रिपाठी, जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी कर्नल मनोज कुमार कई पूर्व सैनिक मौजूद थे।