Edited By Ramanjot, Updated: 12 Jul, 2025 05:47 PM

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के ग्रामीण इलाकों की सूरत लगातार बदल रही है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना (एमएमजीएसयूवाई) के तहत राज्यभर में कुल 2941.159 किलोमीटर सड़कों के निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी, जिनमें से...
पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के ग्रामीण इलाकों की सूरत लगातार बदल रही है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना (एमएमजीएसयूवाई) के तहत राज्यभर में कुल 2941.159 किलोमीटर सड़कों के निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिली थी, जिनमें से अबतक 2070.179 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। इस योजना पर अब तक 1538.56 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह पहल राज्य के सुदूर गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाता है। मुख्यमंत्री कई मौकों पर यह स्पष्ट कर चुके हैं कि गांव की तरक्की के बिना राज्य की प्रगति अधूरी है।
समस्तीपुर और मधुबनी सबसे आगे
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना (एमएमजीएसयूवाई) के तहत समस्तीपुर में अबतक 134.04 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा किया जा चुका है, जिसपर 10195.96 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है। इसके बाद मधुबनी जिले में 124.38 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूर्ण किया गया है, जिसपर 10709.34 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है। साथ ही दरभंगा में 113.98 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो चुका है। इसपर 7243.01 लाख रुपये खर्च हुए हैं।
गया में 108.41 किलोमीटर, पश्चिम चंपारण में 88.86 किलोमीटर, भागलपुर में 85.92 किलोमीटर, सीतामढ़ी में 83.63 किलोमीटर, मुजफ्फरपुर में 82.06 किलोमीटर, वैशाली में 79.63 किलोमीटर, पूर्वी चंपारण में 71.80 किलोमीटर, सारण में 71.26 किलोमीटर और कटिहार में 70.85 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो चुका है।
मुख्यमंत्री की रणनीति ने दी रफ्तार
गांवों के विकास को लेकर हमेशा सजग रहने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की व्यक्तिगत रुचि और अधिकारियों को लगातार दिए गये दिशा-निर्देश का ही परिणाम है कि यह योजना तय समय सीमा के भीतर तेजी से आगे बढ़ रही है। नीतीश सरकार की प्राथमिकता रही है कि राज्य का कोई भी कोना सड़क और संपर्क सुविधा से वंचित न रहे। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में न केवल आवागमन बेहतर होगा बल्कि कृषि, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाओं तक लोगों की पहुंच भी सहज और सुनिश्चित हो सकेगी।