Edited By Ramanjot, Updated: 11 Aug, 2025 06:20 PM

बरसात के मौसम में पशुओं की देखभाल महत्वपूर्ण चुनौती होती है। इसे देखते हुए बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने सलाह जारी कर पशुओं को बिजली से खंभे से नहीं बांधने की सलाह दी है।
पटना:बरसात के मौसम में पशुओं की देखभाल महत्वपूर्ण चुनौती होती है। इसे देखते हुए बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने सलाह जारी कर पशुओं को बिजली से खंभे से नहीं बांधने की सलाह दी है। क्योंकि बरसात के मौसम में विद्युत उपकरणों से जानमाल को खतरा रहता है। साथ ही, बरसात में पशुओं की उचित देख-रेख कैसे करें इसके बारे में भी बताया गया है।
विभाग द्वारा जारी सलाह में कहा गया है कि पशुघर में आवश्यकता से अधिक पशुओं को एकत्रित न करें, बारिश के दौरान पशुओं को बाहर न निकालें, पानी को एक जगह पर एकत्रित नहीं होने दें जिससे मच्छड़ का प्रकोप न हो एवं परजीवी संक्रमण को रोका जा सके।
पशुओं की उचित देख-रेख के लिए बरसात के पहले पशुओं के पशुशाला की छत की मरम्मती कर दें जिससे बारिश का पानी न टपके। पशुशाला की खिड़कियां खुली रखें तथा गर्मी एवं उमस से बचने के लिए पंखों का उपयोग करें।
पशुशाला में पशुओं के मल-मूत्र की निकासी का भी उचित प्रबंधन करें। पशुशाला को दिन में एक बार फिनाईल के घोल से अवश्य साफ करें, जिससे बीमारी फैलाने वाले बैक्टिरिया कम हो सके। नियमित अंतराल पर कीटनाशक का भी छिड़काव करें। पशुशाला में शुद्ध ताजा पानी पीने की व्यवस्था करें एवं चारा एवं पानी की व्यवस्था पशुशाला के नजदीक ही रखें। बरसात के दिनों में तालाबों एवं जलाशयों में पशुओं को न ले जायें और कोशिश करें कि पशु को बाल्टी से साफ एवं ताजा पानी पिलाएं। पशुओं को विभिन्न संक्रामक रोगों के विरूद्ध टीकाकरण करवा दें।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से जारी सलाह में कहा गया है कि मृत पशुओं को दफनाने की व्यवस्था नदी और तालाब आदि से दूर रखें। जलाशय और चारागाह के रास्ते में पशुओं को न दफनाएं। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की इन सलाह को मानकर पशुपालक अपने पशुओं की उचित देख-रेख कर सकते हैं। ऐसा करने से किसान और पशुपालक आर्थिक तौर पर समृद्ध होंगे।