Edited By Harman, Updated: 11 Jun, 2025 10:05 AM

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बयान पर कटाक्ष करते हुये कहा कि लालू यादव का अपराध पर बात करना वैसा ही है जैसे जंगल का शेर शाकाहारी होने की बात करने...
Prashant kishore News: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बयान पर कटाक्ष करते हुये कहा कि लालू यादव का अपराध पर बात करना वैसा ही है जैसे जंगल का शेर शाकाहारी होने की बात करने लगे।
प्रशांत किशोर ने मंगलवार को यहां‘बिहार बदलाव यात्रा'के तहत गरखा में जनसभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में लालू यादव पर तंज कसते हुये कहा कि उनका का अपराध पर बात करना, जंगल में शेर के शाकाहारी होने की बात करने जैसा है। लालू यादव पर कोई विश्वास नहीं करेगा।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी पर भी साधा निशाना
जनसुराज के सूत्रधार ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी द्वारा बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि मांझी को इतनी चिंता है तो उन्हें सबसे पहले केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ देना चाहिए। उन्हें सबसे पहले माँझी समाज के लिए काम करना शुरू करना चाहिए और अपने परिवार के अलावा किसी और को भी टिकट देना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि बिहार सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है। नीतीश कुमार की स्थिति ऐसी नहीं है कि वे बिहार का नेतृत्व कर सकें
जानें लालू यादव ने क्या कहा
लालू यादव ने मंगलवार को अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर बिहार के अपराध से संबंधित कई आंकड़े पेश कर श्री कुमार के शासनकाल में प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था की स्थिति का उल्लेख किया। उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘नीतीश बताएं कि शाम पांच बजे से पहले घर में घुसकर ही कितनी हत्याएं हो रही हैं। क्या नीतीश जानते, पहचानते और समझते है कि उनके शासनकाल में आधिकारिक आंकड़ों में 65,000 हत्याएं हुई है। 65,000 लोगों की हत्याएं हुई है 65,000।' राजद अध्यक्ष ने लिखा, नीतीश-भाजपा ने विधि व्यवस्था का दम ही नहीं निकाला बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में इतनी भ्रष्ट, लापरवाह और कामचोर पुलिस कभी भी, कभी भी नहीं रही।