Edited By Ramanjot, Updated: 21 Jul, 2025 01:11 PM

भाकपा (माले) लिबरेशन के विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा, "चुनाव आयोग ने बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम गलत तरीके से हटाने का आदेश दिया है, उम्मीद है कि इससे सत्तारूढ़ एनडीए को मदद मिलेगी, जिसे आगामी विधानसभा चुनावों में भारी हार का सामना करना...
पटना: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन राज्य विधानसभा में विरोध प्रदर्शन हुआ। इंडिया ब्लॉक के एक घटक भाकपा (माले) लिबरेशन के सदस्य SIR के विरोध में काले कुर्ते पहनकर विधानसभा परिसर में पहुंचे।
सीटों पर खड़े होकर नारे लगाने लगे विपक्षी सदस्य
भाकपा (माले) लिबरेशन के विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा, "चुनाव आयोग ने बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम गलत तरीके से हटाने का आदेश दिया है, उम्मीद है कि इससे सत्तारूढ़ एनडीए को मदद मिलेगी, जिसे आगामी विधानसभा चुनावों में भारी हार का सामना करना पड़ सकता है। हम सदन से सड़क तक इसके खिलाफ लड़ेंगे।" सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कई विपक्षी सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर एसआईआर के खिलाफ नारे लगाने लगे और विधानसभा में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हाल ही में हुई हिंसक अपराधों में वृद्धि पर जवाब भी मांगा।
एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान, जिनकी पार्टी ने बिहार में भारत-विरोधी गुट में शामिल होने की इच्छा जताई है, एसआईआर के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन के बीचों बीच आ गए, जिसके बाद अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने उन्हें फटकार लगाते हुए अपनी सीट पर वापस जाने को कहा। इसके बाद श्रद्धांजलि सभा के बाद दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।