Edited By Harman, Updated: 06 Aug, 2025 02:38 PM

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को चुनाव आयोग से कहा कि वह विशेष पुनरीक्षण के दौरान बिहार मतदाता सूची से हटाये गए 65 लाख लोगों (मृत और स्थायी पलायन करने वाले) का विवरण शनिवार यानी 9 अगस्त तक दे। न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुयान और...
नई दिल्ली/ पटना: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को चुनाव आयोग से कहा कि वह विशेष पुनरीक्षण के दौरान बिहार मतदाता सूची से हटाये गए 65 लाख लोगों (मृत और स्थायी पलायन करने वाले) का विवरण शनिवार यानी 9 अगस्त तक दे। न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुयान और न्यायमूर्ति एन के सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण की गुहार पर यह निर्देश दिया।
9 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश
पीठ ने निर्वाचन आयोग के वकील से कहा, ‘‘शनिवार यानी 9 अगस्त तक जवाब दाखिल करें और प्रशांत भूषण को इसे देखने दें। फिर हम देख पाएंगे कि क्या खुलासा हुआ है और क्या नहीं।'' पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा अपनाई गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार हर राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को यह जानकारी दी जाएगी। इस पर चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि वह प्रस्तुत करेगा कि यह जानकारी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ जानकारी साझा की गई है। अदालत ने चुनाव आयोग से कहा कि वह अपना जवाब रिकॉर्ड पर रखें।
12 अगस्त को होगी मामले की सुनवाई
पीठ ने निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता से कहा, ‘‘उन राजनीतिक दलों की सूची दीजिए जिन्हें यह जानकारी दी गई है। हम 12 अगस्त को मामले की सुनवाई करेंगे। तब तक अपना (निर्वाचन आयोग का) जवाब दाखिल करें।'' शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता की चिंताओं पर कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रभावित होने वाले प्रत्येक मतदाता को आवश्यक जानकारी मिले।''
एडीआर ने अपने आवेदन में कहा कि 25 जुलाई को निर्वाचन आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जिसमें कहा गया था कि लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। प्रशांत भूषण ने पीठ के समक्ष गुहार लगाते हुए कहा, ‘‘ड्राफ्ट मतदाता सूची में 65 लाख नामों के छूटने की बात कही गई है, लेकिन इन नामों की कोई सूची नहीं दी गई। इसमें 32 लाख लोगों के पलायन की बात कही गई, लेकिन कोई अन्य विवरण नहीं दिया गया है।'' उन्होंने आगे कहा, ‘‘उन्हें (चुनाव आयोग) यह बताना चाहिए कि 65 लाख लोग कौन हैं? कौन पलायन कर गए हैं। कौन मर गए हैं? जाहिर है, बीएलओ ने उस व्यक्ति को हटाने या न हटाने की सिफ़ारिश की है।'' प्रशांत भूषण ने दलील दी थी कि चुनाव आयोग ने दो निर्वाचन क्षेत्रों सूची प्रकाशित की है।