Edited By Ramanjot, Updated: 28 Jul, 2025 03:53 PM

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि वह 29 जुलाई को मामले की अंतिम सुनवाई की समय-सीमा तय करेगी। एक गैर सरकारी संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि मतदाता सूची को अंतरिम रूप से अंतिम रूप नहीं...
Bihar Voter List SIR: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची (Voter List) के मसौदा प्रकाशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि वह चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर एक बार फिर फैसला सुनाएगा।
29 जुलाई को होगी सुनवाई
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि वह 29 जुलाई को मामले की अंतिम सुनवाई की समय-सीमा तय करेगी। एक गैर सरकारी संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि मतदाता सूची को अंतरिम रूप से अंतिम रूप नहीं दिया जाना चाहिए और मसौदा सूची के प्रकाशन पर अंतरिम रोक होनी चाहिए। पीठ ने शीर्ष अदालत के पिछले आदेश पर गौर किया जिसमें याचिकाकर्ताओं ने अंतरिम राहत की मांग नहीं की थी, इसलिए अभी ऐसा नहीं किया जा सकता और मामले की एक बार फिर से व्याख्या की जाएगी।
दोनों दस्तावेजों की "असली होने की धारणा"
पीठ ने चुनाव आयोग से कहा कि वह बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के लिए आधार और मतदाता पहचान पत्र स्वीकार करना जारी रखे, जैसा कि उसके आदेश में कहा गया था। पीठ ने कहा कि दोनों दस्तावेजों की "असली होने की धारणा" है। अदालत ने कहा कि वह प्रथम दृष्टया शीर्ष अदालत के आदेश से सहमत है और चुनाव आयोग ने अपने जवाबी हलफनामे में स्वीकार किया है कि आधार, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड स्वीकार किए जाने आवश्यक हैं।
पीठ ने कहा, "जहां तक राशन कार्डों का सवाल है, हम कह सकते हैं कि उन्हें आसानी से जाली बनाया जा सकता है, लेकिन आधार और मतदाता पहचान पत्रों की कुछ पवित्रता होती है और उनकी असली होने की धारणा होती है। आप इन दस्तावेजों को स्वीकार करना जारी रखें।"