Edited By Ramanjot, Updated: 31 Jan, 2025 05:52 PM
मुख्य अतिथि, उप-निरीक्षक काजल कुमारी ने यौन उत्पीड़न पर एक संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली बातचीत की, जिसमें कानूनी पहलुओं, निवारक उपायों और घटनाओं की रिपोर्ट करने के महत्व को समझाया। उन्होंने जरूरत पड़ने पर सहायता प्राप्त करने के लिए छात्रों के लिए अपना...
पटना: विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के अंतर्गत संचालित राजकीय पॉलिटेक्निक, अररिया में यौन उत्पीड़न जागरूकता पर एक सेमिनार आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों को उनके अधिकारों, सुरक्षा उपायों और उत्पीड़न को रोकने के तरीकों के बारे में शिक्षित करना था।
मुख्य अतिथि, उप-निरीक्षक काजल कुमारी ने यौन उत्पीड़न पर एक संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली बातचीत की, जिसमें कानूनी पहलुओं, निवारक उपायों और घटनाओं की रिपोर्ट करने के महत्व को समझाया। उन्होंने जरूरत पड़ने पर सहायता प्राप्त करने के लिए छात्रों के लिए अपना संपर्क नंबर भी साझा किया। सम्मान और प्रशंसा के प्रतीक के रूप में मुख्य अतिथि को विकास जागरूकता और सुरक्षित समाज के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में एक पौधा भेंट किया गया।
यौन उत्पीड़न समिति की नोडल अधिकारी पूजा भारती ने एक अंतर्दृष्टिपूर्ण पावरपॉइंट प्रस्तुति प्रस्तुत की, जिसमें यौन उत्पीड़न, कानूनी सुरक्षा और संस्थागत सहायता प्रणालियों के प्रमुख पहलुओं को शामिल किया गया। उन्होंने सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने में जागरूकता की भूमिका पर जोर दिया। आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान आंतरिक शिकायत समिति की समर्पित सदस्य पूजा कुमारी का रहा, जिन्होंने सेमिनार के आयोजन में विशेष सहयोग प्रदान किया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए पूजा भारती के साथ मिलकर काम किया कि सत्र जानकारीपूर्ण और प्रभावशाली होए पीड़ितों के लिए उपलब्ध सहायता संरचनाओं पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की जाए।
संदेश को आगे बढ़ाने के लिएए छात्रों ने एक विचारोत्तेजक नाटक का मंचन किया, जिसमें वास्तविक जीवन के परिदृश्यों और उत्पीड़न के खिलाफ बोलने के महत्व को दर्शाया गया। इसके अतिरिक्तए छात्रों द्वारा पोस्टर प्रस्तुतियों ने रचनात्मक रूप से जागरूकता और रोकथाम की वकालत करने वाले मजबूत संदेश दिए। कार्यक्रम के आयोजन एवं मार्गदर्शन में मुख्य भूमिका प्राची मैम एवं कोमल मैम ने निभाई। उनके प्रयासों ने सेमिनार को सभी उपस्थित लोगों के लिए आकर्षकए शैक्षिक और प्रभावशाली बनाने में मदद की। सुरक्षित और सम्मानजनक परिसर को बढ़ावा देने के लिए छात्रों और शिक्षकों की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ सेमिनार संपन्न हुआ। इस पहल को खूब सराहा गया और इससे ऐसे गंभीर सामाजिक मुद्दों के समाधान के महत्व पर बल मिला।