नालंदा विश्वविद्यालय के विस्तार में राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ती है तो हम पूरी तरह से तैयार हैं: CM नीतीश

Edited By Ramanjot, Updated: 20 Jun, 2024 10:57 AM

statement of cm nitish

मुख्यमंत्री ने नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली होने का दावा करते हुए कहा कि इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी और प्राचीन काल में यहां 10 हजार विद्यार्थी पढ़ते थे एवं दो हजार शिक्षक हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं, बल्कि...

राजगीर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बुधवार को कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University) के विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो राज्य सरकार पूरी तरह से इसके लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किए जाने के अवसर पर अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने कहा, "इसके विस्तार में अगर राज्य सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी तो हमलोग पूरी तरह से इसके लिए तैयार हैं।" 

नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली होने का दावा
मुख्यमंत्री ने नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास गौरवशाली होने का दावा करते हुए कहा कि इसकी पहचान ज्ञान के केंद्र के रूप में होती थी और प्राचीन काल में यहां 10 हजार विद्यार्थी पढ़ते थे एवं दो हजार शिक्षक हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं, बल्कि चीन, जापान, श्रीलंका, तिब्बत और एशिया के कई देशों से लोग यहां पढ़ने आया करते थे तथा 1200 ईस्वी में यह विश्वविद्यालय नष्ट हो गया था। उन्होंने कहा कि मार्च, 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति दिवंगत ए पी जे अब्दुल कलाम बिहार आए थे तब उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से स्थापित करने की बात कही थी। उन्होंने कहा,‘‘ उसी समय से हमलोगों ने नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय को पुनर्स्थापित करने की पहल शुरू की और इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया लेकिन किसी कारणवश कार्य में विलंब होने पर राज्य सरकार ने इसके लिए नया कानून बनाया और विश्वविद्यालय की पुनर्स्थापना के लिए 455 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।'' 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2010 में बिहार सरकार के अनुरोध पर लोकसभा में इसके लिए एक विधेयक पारित किया गया तथा राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण कर केंद्र सरकार को सौंप दिया। उन्होंने कहा कि काम धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया और 2014 से आंशिक रूप से यहां पढ़ाई शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि 2014 में ही नरेन्द्र मोदी जी की सरकार बनी और फिर नालंदा विश्वविद्यालय का काम काफी तेजी से होने लगा। उन्होंने कहा कि 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति दिवंगत प्रणव मुखर्जी ने इसका शिलान्यास किया और आज यह देखकर काफी प्रसन्नता हो रही है कि नालंदा विश्वविद्यालय में 17 देशों के 400 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। उन्होंने कहा कि पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के तर्ज पर आसपास के गांवों को विश्वविद्यालय से फिर से जोड़ा जाए।

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