Edited By Ramanjot, Updated: 31 Dec, 2024 01:24 PM
राजीव प्रसाद ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2005 में सत्ता संभालते ही नीतीश कुमार ने महिलाओं को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक तौर पर समृद्ध करने के लिए कई क्रांतिकारी फैसले लिए। वर्ष 2006 में उन्होंने पंचायती राज में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण की...
पटना: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद (Rajiv Ranjan Prasad) ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के शासनकाल में राज्य की महिलाएं राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक तौर पर सशक्त हुई हैं।
राजीव प्रसाद ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2005 में सत्ता संभालते ही नीतीश कुमार ने महिलाओं को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक तौर पर समृद्ध करने के लिए कई क्रांतिकारी फैसले लिए। वर्ष 2006 में उन्होंने पंचायती राज में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की साथ ही वर्ष 2007 में उन्होंने नगर निकाय में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने का काम किया। नौकरियों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने के लिए सरकार के सभी सरकारी सेवाओं/संवर्गों के सभी स्तर एवं सभी प्रकार पदों पर सीधी नियुक्ति में महिलाओं को 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया गया। साथ ही प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन/नियुक्ति में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर राज्य सरकार की कोशिशों के चलते वर्ष 2001 की जनगणना में राज्य की महिलाओं की साक्षरता दर में 20 प्रतिशत की दशकीय वृद्धि दर्ज हुई, जिसके कारण बिहार को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। महिलाओं में साक्षरता दर में वृद्धि का सीधा प्रभाव जनसंख्या के स्थिरीकरण पर पड़ा। वर्ष 2005 में बिहार का कुल प्रजनन दर 4.3 था जो अब घटकर 2.9 हो गया। वर्ष 2007 में बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन परियोजना यानि ‘जीविका' को प्रारंभ किया गया। जीविका के तहत स्वयं सहायता समूह में आच्छादित परिवारों की संख्या वर्तमान में 1 करोड़ 30 लाख हो गई है एवं 10 लाख 47 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है।