Edited By Khushi, Updated: 17 Jul, 2025 01:47 PM

Jharkhand News: भगवान से जब कोई भी चीज मांगने पर नहीं मिलती तो हम कठिन मन्नत मांग लेते हैं। मुराद पूरी होने के बाद हम अपनी मन्नत पूरी करते हैं। ऐसा ही मामला झारखंड के देवघर से आया है। यहां बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले मिथिलेश कुमार बाबा बैद्यनाथ...
Jharkhand News: भगवान से जब कोई भी चीज मांगने पर नहीं मिलती तो हम कठिन मन्नत मांग लेते हैं। मुराद पूरी होने के बाद हम अपनी मन्नत पूरी करते हैं। ऐसा ही मामला झारखंड के देवघर से आया है। यहां बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले मिथिलेश कुमार बाबा बैद्यनाथ अपनी मन्नत पूरी करने पहुंचे।

मिथिलेश कुमार लकड़ी से बनाई छोटी-सी डोलीनुमा गाड़ी को हाथों के बल पर खींचकर बाबा धाम पहुंचे। मिथिलेश कुमार ने बताया कि घर में हम 4 भाईयों को बेटे हैं, लेकिन हमारे पास बेटी नहीं थी। मिथिलेश ने बाबा से अपने छोटे भाई के लिए एक पुत्री का वरदान मांगा था कि अगर बाबा उनके भाई को बेटी देंगे तो वह अपनी उसी भतीजी के साथ लकड़ी से बनाई छोटी-सी डोली नुमा गाड़ी को हाथों के बल पर खींचकर बाबा धाम पहुंचेंगे और गंगा का जल अर्पित करेंगे।
बस फिर क्या था बाबा ने मिथिलेश की सुन ली और उसके भाई को बेटी दे दी, लेकिन उसके भाई ने उसे अगले साल सावन में बेटी को लेकर कांवर यात्रा पर जाने की बात कही, लेकिन मिथिलेश ने भाई की बात नहीं मानी। उसने भतीजी के स्थान पर उसकी तस्वीर उस गाड़ी में लगाई व भतीजे को गाड़ी में बैठाया और हाथों के बल पर गाड़ी खींचते हुए बाबा धाम के लिए चल दिया। रास्ते में गाड़ी का पहिया टूट गया, लेकिन मिथिलेश ने हिम्मत नहीं हारी। 20 किलोमीटर पीछे जाकर नया पहिया लाया और गाड़ी में लगाकर अपनी मन्नत को पूरा किया।