Edited By Khushi, Updated: 25 Aug, 2024 03:14 PM
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हेमंत सोरेन पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को अपमानित किया गया। मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि हेमंत सोरेन अहंकार में चूर हैं। वे अपने ही लोगों को ठगते रहे...
रांची: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हेमंत सोरेन पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को अपमानित किया गया। मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि हेमंत सोरेन अहंकार में चूर हैं। वे अपने ही लोगों को ठगते रहे हैं।
"चंपई सोरेन को किया गया अपमानित"
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चंपई सोरेन झामुमो के संस्थापक सदस्य रहे हैं। शिबू सोरेन के साथ उन्होंने मिलकर काम किया है। अब उन्हें इस तरह से अपमानित किया जा रहा है। मंत्री शिवराज ने कहा कि सीएम रहते हुए चंपई सोरेन के विधायक दल की बैठक का पता नहीं होना, कार्यक्रम करने और कुछ भी बांटने से मना कर दिया जाना। यह ऐसा व्यवहार है, जो दर्द पहुंचाता है।
बता दें कि चंपई सोरेन बीते शनिवार को सरायकेला पहुंचे। यहां चंपई सोरेन के कटआउट लगाए गए हैं। चंपई सोरेन के कटआउट का बैकग्राउंड बदल गया है। पहली बार यहां चंपई सोरेन के कटआउट का बैकग्राउंड हरा की बजाय भगवा रंग का है। होर्डिंग्स भी भगवा रंग के ही हैं। होर्डिंग्स में सिर्फ चंपई सोरेन जिंदाबाद लिखा है। इतना ही नहीं यहां बने फाउंटेन से जो पानी निकल रहा था, उसका भी रंग भगवा था। इसके बाद चर्चा है कि चंपई भाजपा के साथ जा सकते हैं। बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर चंपई सोरेन ने कहा कि वह अगले रास्ते पर निकल गए हैं। अब नया अध्याय लिखेंगे। अगर रास्ते में कोई दोस्त मिल गया तो उसके साथ चलेंगे।
चंपई सोरेन ने जनसभा में कहा कि 5 महीने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहते हुए मैंने बेमिसाल काम कर दिखाए, जिसे लोग भूल नहीं सकते हैं। 5 महीने में राज्य को विकास के पथ पर ले गया। इस दौरान विभागों में भ्रष्टाचार मुक्त कार्य हुए, राज्य में अपराध का ग्राफ काम हुआ। आदिवासी-मूलवासी के हितों में काम किए, जिसे विपक्ष ने भी सराहा। चंपई सोरेन ने कहा कि मेरे काम शायद पार्टी आलाकमान को पसंद नहीं आया, इसलिए बेइज्जत कर मुझे कुर्सी से उतार दिया, लेकिन अब जनता के समर्थन से दोबारा मजबूत राजनीति करनी है। चंपई सोरेन ने कहा कि 40 साल पहले जब विधायक नहीं था, तब टाटा कंपनी के खिलाफ जोरदार आंदोलन कर सबसे बड़े औद्योगिक घराने की ईंट से ईंट बजा दी थी, तब कंपनी ने 50 लाख रुपये में मेरी हत्या का सौदा किया था, लेकिन मैं उनसे डरा नहीं और लड़कर हजारों मजदूरों को स्थाई नौकरी दिलाई।