Edited By Khushi, Updated: 03 Feb, 2025 04:54 PM
झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) से अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दरअसल, राजधानी रांची से करीब 50 KM की दूरी पर स्थित एक भूत गांव (Ghost Village) है। इस भूत गांव में केवल आदिवासी समुदाय के लोग ही रहते हैं।
Ghost Village: झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) से अजीबोगरीब मामला सामने आया है। दरअसल, राजधानी रांची से करीब 50 KM की दूरी पर स्थित एक भूत गांव (Ghost Village) है। इस भूत गांव में केवल आदिवासी समुदाय के लोग ही रहते हैं।
यहां के आदिवासी पूर्वजों को कहा जाता है भूत
जानकारी के मुताबित इस गांव में हर घर के सामने कब्र है। ये कब्रें उनके पूर्वजों की हैं, जिसे यहां के लोग भूत बोलते हैं। यहां के आदिवासी ग्रामीण अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं यानी कब्र की पूजा करते हैं। इतना ही नहीं यहां के लोग दिन की शुरुआत पूर्वजों की पूजा से करते हैं। ये लोग पूर्वज को भगवान के जैसा मानते हैं।
यहां के आदिवासी पूर्वजों को भूत कहते हैं। जब इस गांव में किसी की भी शादी होती है तो सबसे पहले भूत की पूजा होती है, यानी कब्र की पूजा की जाती है।
इसके बाद पूर्वजों का आशीर्वाद लिया जाता है। फिर ही शादी की कोई रस्म शुरू की जाती है। यहां तक कि शादी के बाद जब दुल्हन ससुराल आती है तो सबसे पहले वह कब्र की पूजा करती है। उसके बाद ही किसी और चीज की पूजा और रस्म होती है।
यहां के लोग मानते हैं कि इस गांव में भूतों के आशीर्वाद के बिना कोई शुभ कार्य नहीं होता।
"पूर्वजों की पूजा के कारण ही यहां हर घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली है"
मामले में गांव के मुखिया का कहना है कि यह पूर्वजों का आशीर्वाद है कि यह गांव सुरक्षित है। हम लोग खुशहाल जीवन जी रहे हैं। गांव में ये परंपरा सदियों से चली आ रही है। आज भी हम पूरी श्रद्धा के साथ इस परंपरा का पालन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि पूर्वज खुश होंगे तभी सुख समृद्धि आएगी। पूर्वजों की पूजा के कारण ही यहां हर घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का माहौल है।
मुखिया का कहना है कि उनके गांव में पहले कोई लड़की नहीं देना चाहता था। कोई यहां शादी नहीं करना चाहता था क्योंकि उन्हें लगता था कि गांव भूतिया है, लेकिन जब उन्हें यह समझाया गया कि यह सिर्फ नाम है जो 100 साल पहले अंग्रेज देकर गए थे। तब जाकर लोग यहां अपनी लड़कियों की शादी करने लगे। वरना पहले तो कई बार ऐसा हुआ कि शादी करने के बाद महिलाएं अपने मायके लौट गई हैं।