Edited By Khushi, Updated: 03 Feb, 2025 03:30 PM
झारखंड के गुमला (gumla) में किसी भी अनजान व्यक्ति के लिए नो एंट्री (no entry) लग गई है। यहां अनजान लोगों को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा। बकरी चोरों के आतंक से ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है।
Gumla: झारखंड के गुमला (gumla) में किसी भी अनजान व्यक्ति के लिए नो एंट्री (no entry) लग गई है। यहां अनजान लोगों को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा। बकरी चोरों के आतंक से ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है।
झारखंड के 11 गांवों में नो एंट्री
दरअसल, जिले के चैनपुर प्रखंड स्थित बरडीह पंचायत के रोघाडीह, घुसरी, बरडीह, तबेला, कुकरूंजा, कोल्दा, सोकराहातु, कोचागानी, केरागानी व कुईयो गांव के ग्रामीण बकरी चोरों के आतंक से परेशान हैं। उनका कहना है कि एक महीने के अंदर 40 से 45 बकरी और खस्सी की चोरी हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को सूचना देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। इसलिए शाम 6 बजे के बाद अब अनजान लोगों को गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा और बरडीह पंचायत के बॉर्डर इलाके सिविल और सोकराहातु गांव में जल्द ही नो एंट्री का बोर्ड भी लगा दिया जाएगा, जिससे कोई यहां घुस न सके। ग्रामीणों ने बताया कि बकरी चोरों को पकड़ने के लिए बॉर्डर इलाके में कड़ी नजर रखी जाएगी। टीम बनाकर सभी 11 गांवों में ग्रामीण रतजगा करेंगे। चोर पकड़े जाते हैं तो उसकी पिटाई की जाएगी। इसके बाद पुलिस को सौंपा जाएगा।
ग्रामीणों ने कहा है कि 11 गांव पूरी तरह नक्सल पीड़ित हैं, लेकिन नक्सली घटनाएं कम हुईं तो चोरी की घटना बढ़ गयी है। इन 11 गांवों की आबादी करीब 7 हजार है। ग्रामीणों ने कहा है कि 15 लाख के इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव के मारे जाने और सबजोनल कमांडर रंथू उरांव के पकड़े जाने के बाद बरडीह पंचायत का इलाका नक्सल से मुक्त की राह पर है। नक्सल से निपटने के लिए ही कुरूमगढ़ गांव में थाना की स्थापना हुई है। इस क्षेत्र में तीन पुलिस पिकेट भी लगा है, परंतु अब इस क्षेत्र के लोग नक्सल से कम और चोरों से ज्यादा भयभीत हैं।