Edited By Khushi, Updated: 21 Jun, 2024 11:42 AM
झारखंड सरकार हमें नक्सली बनाने व हथियार उठाने को विवश कर रही है, यह कहना है सूबे में अनुबंध पर बहाल सहायक पुलिस कर्मीयों का, जो अपनी सेवा समायोजन और मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर एक बार फिर से आंदोलनरत हैं।
Ranchi: झारखंड सरकार हमें नक्सली बनाने व हथियार उठाने को विवश कर रही है, यह कहना है सूबे में अनुबंध पर बहाल सहायक पुलिस कर्मीयों का, जो अपनी सेवा समायोजन और मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर एक बार फिर से आंदोलनरत हैं।
बीते गुरुवार को रांची में अपनी मांगों को लेकर सहायक पुलिसकर्मियों ने सरकार को 7 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर इन 7 दिनों में सूबे के मुखिया चंपई सोरेन उनकी मांगों पर उचित निर्णय नहीं लेते हैं तो मोराबादी का ये मैदान रक्त रंजित होगा। इनका कहना है कि हमसे जिला बल की तरह 24 घंटे ड्यूटी ली जाती पर मानदेय नहीं बढ़ाया जाता है। लोकसभा में ड्यूटी ली जाती है, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में ड्यूटी ली जाती है, कोरोना काल में हमने शवों को ढ़ोया है, अब विधानसभा में भी ड्यूटी ली जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर हमसे कोई चूक हो जाती है तो जिला बल की तरह दंडित किया जाता है। हमारा सपेंशन होता है, लेकिन मानदेय नहीं बढ़ाया जाता है।
सहायक पुलिसकर्मियों ने कहा कि 10 हजार में होता क्या है? सरकार चाहती क्या है बात करने से सरकार भागती क्यों? 7 साल में तीसरी बार आंदोलन करना पड़ रहा है। क्या हमारे मां-बाप टैक्स नहीं देते हैं? क्या हम झारखंड के मूल वासी नहीं हैं? आज सूबे के मंत्री, विधायकों का मानदेय बढ़ जाता है पर सहायक पुलिसकर्मियों के नहीं बढ़ता है। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से हम सरकार को 7 दिनों का अल्टीमेटम देते हैं नहीं तो 7 दिनों बाद चरणबद्ध तरीके से धारदार आंदोलन करेंगे या तो वर्दी रहेगी या परमानेंट वर्दी उतर जाएगी। करो मरो की मानसिकता के साथ मुख्यमंत्री आवास को लॉक कर देंगे।