निशिकांत की टिप्पणी न सिर्फ अपमानजनक है बल्कि लोकतंत्र के मूल स्तंभ पर सीधा प्रभार है: प्रदीप यादव

Edited By Khushi, Updated: 20 Apr, 2025 07:40 PM

nishikant s comment is not only insulting but also a direct

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि बेलगामी अधिवेशन और कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में 40 दिनों तक चलने वाले संविधान बचाओ अभियान सहित अन्य बिंदुओं पर गहन समीक्षा के लिए प्रदेश कांग्रेस...

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि बेलगामी अधिवेशन और कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में 40 दिनों तक चलने वाले संविधान बचाओ अभियान सहित अन्य बिंदुओं पर गहन समीक्षा के लिए प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक 22 अप्रैल को आहूत की गई है।

"निशिकांत दुबे का बयान भड़काऊ और असंवैधानिक है"
कमलेश एवं कांग्रेस विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रदेश, जिला, विधानसभा स्तर पर संविधान बचाओ रैली का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाएगी। कांग्रेस विधायक दल नेता प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उच्चतम न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश संजीव खन्ना पर दिए गए बयान की कांग्रेस सरकार घोर निंदा करती है। उनका यह बयान भड़काऊ और असंवैधानिक है जो गहरी चिंता का विषय है। उनकी टिप्पणी न सिर्फ अपमानजनक है बल्कि लोकतंत्र के मूल स्तंभ पर सीधा प्रभार है। यह बयान न्यायपालिका का सिर्फ अपमान नहीं है बल्कि संवैधानिक संस्थाओं को डराने- धमकाने वाला है, न्यायालय की स्वतंत्रता को छिनने वाला है। उनका बयान दर्शाता है कि यह भाजपा नेतृत्व के इशारे पर दिया गया है। कांग्रेस का मानना है कि बगैर नेतृत्व की सहमति के सांसद द्वारा इस तरह का वक्तव्य नहीं दिया जा सकता। भाजपा की रणनीति का यह हिस्सा है, यह बयान देश में वैमनष्यता, विद्वेष को फैलाने वाला और देश को अराजकता की ओर धकेलने वाला है। इतने बड़े बयान से पार्टी को दरकिनार कर भाजपा अपना पल्लू झाड़ रही है।

"कांग्रेस संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करती रही है"
यादव ने कहा कि निशिकांत दुबे द्वारा उच्चतम न्यायालय के अधिकार पर उंगली उठाना उनके बाद बड़बोलेपन अल्पज्ञान का परिचायक है। संविधान की धारा 13 धारा 25 सहित कई धाराएं उच्चतम न्यायालय को शक्ति देती है कि संविधान की मूल भावना के विपरीत कोई कानून बनेगा तो वह उसकी समीक्षा कर सकती है। इस तरह के मामले में 1973 में केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के मामले में 13 जजो की खंडपीठ द्वारा फैसला दिया जा चुका है। यह बयान एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है। कांग्रेस संविधान, लोकतंत्र, लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है। कांग्रेस संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करती रही है और आगे भी करेगी। यादव ने कहा कि उत्तम न्यायालय के संदर्भ में की गई बातें न्यायालय की अवमानना है। क्रिमिनल रिट का मामला बनता है अगर आवश्यकता पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जायेगा। यादव ने कहा कि अगर भाजपा सच में इस बयान से किनारा करना चाहती है तो अपने बड़बोले सांसद को बर्खास्त करे, प्रधानमंत्री और भाजपा नेता देश से माफी मांगे तभी माना जा सकता है कि भाजपा इससे दूर है। 

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