Edited By Khushi, Updated: 11 Dec, 2025 03:43 PM

Jharkhand Assembly winter session: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पांचवें और अंतिम दिन सदन के बाहर और भीतर एक राजनीतिक विवाद सामने आया। आजसू के विधायक निर्मल महतो अचानक विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करने...
Jharkhand Assembly winter session: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पांचवें और अंतिम दिन सदन के बाहर और भीतर एक राजनीतिक विवाद सामने आया। आजसू के विधायक निर्मल महतो अचानक विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करने लगे।
निर्मल महतो ने कहा कि 'अब झारखंड को भगवान भी शायद ना बचा पाए। पहले गरीब और आम लोगों से अधिकारी लूटते थे और नेताओं के लिए पैसा इकट्ठा करते थे, लेकिन अब तो हालत यह हो गई है कि विधायक से पैसा लेने के बाद भी मंत्री काम नहीं कर रहे।' इस पूरे विवाद की शुरुआत एक अखबार में छपी उस खबर से हुई, जिसमें दावा किया गया कि कांग्रेस विधायक ममता देवी ने एक वायरल ऑडियो में स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपोटर् के अनुसार, ऑडियो में ममता देवी यह कहती हुई सुनाई पड़ रही हैं कि उन्होंने 5 लाख देने के बाद भी मंत्री ने उनका काम नहीं किया। यही आरोप आजसू विधायक निर्मल महतो ने भी दोहराए, जिसके बाद मामला और गरमाता चला गया। विधानसभा परिसर में निर्मल महतो ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर हमला बोला और कहा कि यदि विधायक स्तर पर पैसे लेकर भी काम नहीं हो रहा, तो आम जनता का क्या होगा? उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए सदन में भी जोरदार हंगामा किया। इस विवाद की सीधी आंच दो नेताओं पर पड़ी- स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और रामगढ़ से कांग्रेस विधायक ममता देवी।
ऑडियो वायरल होने और अखबारों में खबर छपने के बाद पूरे राजनीतिक गलियारे में हलचल बढ़ गई। विपक्ष ने इसे भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण कहा और सरकार की नीयत पर सवाल उठाए। विवाद बढ़ता देख कांग्रेस विधायक ममता देवी खुद सामने आईं। उन्होंने इस पूरे मामले को 'निराधार और राजनीतिक साजिश' बताया। ममता देवी ने कहा कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। बैठकें होती हैं, कई तरह की बातें होती हैं, उन्हें तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने किसी को कोई पैसा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक बदनामी का प्रयास है, जिसका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है। जहां कांग्रेस नेताओं ने पूरे मामले को मनगढ़ंत बताया। वहीं भाजपा और आजसू इस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। विपक्ष ने कहा कि यदि मामला झूठा है तो सरकार तत्काल जांच कराए और यदि ऑडियो सही है तो मंत्री को बर्खास्त किया जाए। हालांकि संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि ये पार्टी का मामला है और पार्टी इसे अपने स्तर पर देख रही है।