Edited By Diksha kanojia, Updated: 29 Jun, 2022 04:22 PM

राज्य सरकार द्वारा योजना के तहत वर्षा जल संचयन से सिंचाई की व्यवस्था की जा रही है। ट्रेंच कम बंड, चेक डैम, फील्ड बंड, सोख्ता गड्ढा, मेड़बंदी, तालाब जीर्णोद्धार आदि योजनाएं मनरेगा के तहत ली जा रही हैं। इससे एक ओर जहां ग्रामीणों को उनके गांव में ही...
रांचीः झारखंड में नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत राज्य में जलछाजन सिद्धांत को अपनाते हुए ऊपरी टांड़ भूमि का परिपूर्णता में उपचार किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा योजना के तहत वर्षा जल संचयन से सिंचाई की व्यवस्था की जा रही है। ट्रेंच कम बंड, चेक डैम, फील्ड बंड, सोख्ता गड्ढा, मेड़बंदी, तालाब जीर्णोद्धार आदि योजनाएं मनरेगा के तहत ली जा रही हैं।
इससे एक ओर जहां ग्रामीणों को उनके गांव में ही रोजगार मिल रहा है, वहीं मॉनसून में व्यर्थ हो रहे वर्षा जल का संचयन भी हो रहा है। नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना के तहत वर्ष 2021-22 में ट्रेंच कम बंड की 73,034 योजनाएं एवं फील्ड बंड की 60,820 योजनाएं पूर्ण की गईं। सबसे अधिक ट्रेंच कम बंड का निर्माण गिरिडीह में 11,305, गढ़वा में 10,125 और लातेहार में 8,466 पूर्ण हुआ है। वहीं फील्ड बंड की योजनाएं सबसे अधिक सरायकेला में 6,676, पश्चिमी सिंहभूम में 6,150 और चतरा में 5,464 पूर्ण की गई हैं। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ मनीष रंजन ने आज बताया कि वर्ष 2022- 23 में नीलांबर पीतांबर जल समृद्धि योजना के तहत सरकार 49,589 ट्रेंच कम बंड एवं 49,756 फील्ड बंड की योजनाओं के लक्ष्य पर कार्य कर रही है।
जून 2022 तक ट्रेंच कम बंड की 7,490 एवं फील्ड बंड की 6,689 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि ट्रेंच कम बंड की 42,099 एवं फील्ड बंड की 43,067 योजनाओं पर कार्य जारी है। नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना किसानों एवं प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार का साधन बने यह विभाग की प्राथमिकता है।नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना पूरे राज्य में मिशन मोड पर चलायी जा रही है। लोगों को अपने घर पर ही आजीविका का साधन उपलब्ध कराना सरकार का लक्ष्य है।