Edited By Khushi, Updated: 01 Aug, 2025 02:21 PM

रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीते गुरुवार को झारखंड के देवघर में एआईआईएमएस (एम्स), देवघर के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हालांकि एम्स देवघर मुख्य रूप से तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल पर केंद्रित है, लेकिन इसे...
रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीते गुरुवार को झारखंड के देवघर में एआईआईएमएस (एम्स), देवघर के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हालांकि एम्स देवघर मुख्य रूप से तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल पर केंद्रित है, लेकिन इसे प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में सक्रिय रूप से मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करना चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जोर देकर कहा कि प्राथमिक देखभाल सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का आधार है। राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स देवघर के डॉक्टरों और छात्रों की टीम को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा करना चाहिए और सहायता प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे व्यक्तिगत स्तर पर समावेशी स्वास्थ्य देखभाल को अपना सिद्धांत बनाएं। राष्ट्रपति ने स्नातक छात्रों को बताया कि एम्स देवघर में शिक्षा प्राप्त करना एक गारंटी माना जाता है कि वे कुशल डॉक्टर बन गए हैं। उन्होंने कहा कि कुशल डॉक्टर बनना बड़ी बात है, लेकिन अच्छा इंसान बना उससे भी बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि एक अच्छे डॉक्टर को तीव्र अनुभूति और संवेदनशील संचार कौशल विकसित करना चाहिए। हमने ऐसे डॉक्टर भी देखे हैं जिनसे मिलने के बाद मरीज और उनके परिजन बेहतर महसूस करने लगते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर, सरकार स्वास्थ्य संबंधी लोगों के जेब से खर्च के दबाव को कम करने का प्रयास कर रही है। इस राष्ट्रीय प्रयास में, एम्स देवघर जैसे संस्थानों और डॉक्टरों की संस्थागत भूमिका के साथ-साथ व्यक्तिगत भूमिका भी है। उन्होंने एम्स देवघर के सभी हितधारकों को स्वास्थ्य और चिकित्सा से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों की सूची बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि उन्हें भारत और झारखंड की इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की स्थिति का पता लगाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश को स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में कई महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करने हैं। एम्स संस्थान इन राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। एम्स देवघर जैसे चिकित्सा संस्थान, जो स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में असमानता को दूर करने के लिए स्थापित किए गए हैं, अंधकार में प्रकाश फैलाने वाले दीपक की तरह हैं। उन्हें न केवल कम लागत पर विश्व स्तरीय विशेषज्ञ चिकित्सा देखभाल प्रदान करनी है, बल्कि परिवर्तन की भूमिका भी निभानी है।