Edited By Khushi, Updated: 25 Aug, 2025 12:04 PM

रांची: झारखंड के रांची के नगड़ी स्थित रिम्स-2 के लिए अधिग्रहित प्रस्तावित भूमि को लेकर बीते रविवार को माहौल गर्म रहा और इस जमीन को प्रशासन ने चारों ओर से घेर रखा था। नगड़ी के हर सड़क पर बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया था।
रांची: झारखंड के रांची के नगड़ी स्थित रिम्स-2 के लिए अधिग्रहित प्रस्तावित भूमि को लेकर बीते रविवार को माहौल गर्म रहा और इस जमीन को प्रशासन ने चारों ओर से घेर रखा था। नगड़ी के हर सड़क पर बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया था। शहर के सभी रास्तों में कड़ी निगरानी थी। पुलिस बल की तैनाती थी। इसके बावजूद भी आंदोलनकारी किसान रिम्स 2 की जमीन पर पहुंच गए।
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) पार्टी के नेता देवेन्द्र महतो ने समर्थकों के साथ वहां पहुंच कर हल चलाकर खेती की शुरुआत की और उस भूमि पर सरना झंडा गाड़ दिया। इसी दौरान प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई शुरु की, तो माहौल तनावपूर्ण हो गया। विरोध कर रहे लोगों को हटाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए (लाठीचार्ज) और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इस कार्रवाई से मौके पर अफरातफरी मच गई। आंदोलनकारी किसान, आदिवासी महिला- पुरुष दिशोम गुरु शिबू सोरेन का मुखौटा लगाकर खेतों की पगडंडी होते हुए रिम्स-2 की जमीन पर पहुंच गए। वहां पहुंचे लोग खेतों में हल चलाने और रोपा रोपने लगे। इस आंदोलन में शामिल होने के लिए लातेहार, लोहरदगा, बिजुपाड़ा, हातमा, बेड़ों सहित कई इलाकों से सैंकड़ों ग्रामीण खेतिहर जमीन बचाने के लिए पहुंचे थे। गांव के लोगों का कहना है कि झारखंड 25 साल का हो गया, लेकिन अब भी उनकी खेतीहर जमीन छीनकर अस्पताल बनाने की कोशिश की जा रही है।
आदिवासी समाज ने कहा कि वे अपनी जमीन की एक इंच भी नहीं छोड़ेंगे और आंदोलन तेज करेंगे। कांके रोड से लेकर नगड़ी तक भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात थे। रांची के नगड़ी में एसडीएम, एडीएम लॉ एंड ऑडर, ग्रामीण एसपी सहित कई अधिकारी मौके पर मौजूद थे। विरोध को रोकने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे। कांके रोड में बैरिकेडिंग करके सुरक्षा इंतजाम किये गये हैं। ताकि कोई भी व्यक्ति नगड़ी ना पहुंच सके। जिन नेताओं के बारे में सूचना है कि वह खेत जोतो आंदोलन में शामिल हो सकते हैं, उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार चार आंदोलनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर कांके थाना में रखा हैं। उनमें नगड़ी गांव के विकास उरांव और सीता कच्छप के अलावा नंदी कच्छप और फुलकेरिया टोप्पो का नाम शामिल है। मांडर और लोहरदगा के आदिवासी समाज और उनके नेताओं को नगड़ी से करीब पांच किमी पहले ही रातू के तिलता चौक पर ही रोक दिया गया। बावजूद प्रदर्शनकारी वहां पहुंचे और हल चलाया। रामकुमार पाहन और गंगोत्री कुजूर को भी हिरासत में ले लिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े हैं।