Edited By Khushi, Updated: 26 Jun, 2024 11:05 AM
![the construction of the grand ram temple was shoddy jmm said](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_11_04_33526270812-ll.jpg)
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के सारे लोगों के जुबान पर एक ही नाम है भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार। उन्होंने कहा कि बाबूलाल के कार्यकाल में गिरिडीह में उनके गृह प्रखंड में पुल ढह गया था, फिर कोनार डैम जिसे रघुवर दास के समय...
रांची: झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के सारे लोगों के जुबान पर एक ही नाम है भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार। उन्होंने कहा कि बाबूलाल के कार्यकाल में गिरिडीह में उनके गृह प्रखंड में पुल ढह गया था, फिर कोनार डैम जिसे रघुवर दास के समय कहा गया कि चूहा कुतर गया। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सबसे हैरान करने वाली जो खबर निकल कर आई, जिसमें भव्य राम मंदिर के गर्भ गृह में पानी टपकने की बात आई जिसे वहां के महंत सत्येंद्र दास ने ही कही।
"भव्य राम मंदिर का निर्माण घटिया हुआ"
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जब हमारे पीठेश्वर शंकराचार्य लोग कह रहे थे यह अर्धनिर्मित मंदिर है यहां प्राण प्रतिष्ठा नहीं होना चाहिए, लेकिन एक अवतार पुरुष जो अपने आप कहता हैं कि मैं तो बायोलॉजिकल तो हूं ही नहीं। मैं अवतार हूं और मैं जब चाहूं राम को कहीं पर भी लेकर जा सकता हूं। उनके महिमा में जो अर्धनिर्मित मंदिर है ने पहली बारिश ने ही सारी कथा बया कर दी। उन्होंने कहा कि पहली बारिश में केवल गर्भ गृह ही नहीं चु रहा है जो रामपथ का निर्माण किया गया था वो भी पहली बारिश में ढह गया जो रेलवे स्टेशन जहां भक्तगण जाते हैं उसकी चहारदीवारी भी गिर गयी। यही नहीं वहां निर्मित कई अन्य संरचनाये ढह गई। ये है भाजपा के भ्र्ष्टाचार का नायाब उदाहरण जिन्होंने ईश्वर को भी नहीं छोड़ा। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ये राम मंदिर के नाम पर वोट मांगते हैं, लेकिन राम मंदिर के निर्माण में जो जमीन खरीद में जो लूट हुई, सारी चीजें सामने आई। लोगों के आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया। बहुत भ्रष्टाचार पर भाषण होता है, लेकिन अभी तक एक बार भी किसी भारतीय जनता पार्टी के नेता ने इस बात को नहीं स्वीकार किया कि भव्य राम मंदिर का निर्माण घटिया हुआ है।
वहीं लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर पूछे गए सवाल पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पहली बार यह स्थिति इसलिए बनी क्योंकि पहली बार पिछले 10 सालों में जो संसदीय परंपराएं हैं उनको तोड़ा गया। पहली बार 2014 के बाद 2024 में लोकसभा में जो परंपरागत विपक्ष है उसके सभापति होते थे उनको नहीं रखा गया। पहली बार 2019 के बाद 2024 तक में दोनों सदन को मिलाकर 160 सदस्यों को सस्पेंड किया गया, जिसमें लोकसभा में एक दिन में 67 सदस्यों का निलंबन हुआ और पहली बार लोकसभा में एक दिन में स्टेटमेंट स्पंज किए गए। माइक बंद किया गया, टीवी का फोकस शिफ्ट किया गया। उन्होंने कहा कि आज भी विपक्ष यह कहता था कि आप उपसभापति के लिए राजी हो जाइए हम सभापति के लिए राजी हो जाएंगे। आपका जो यह सभापति है उसका जो आचरण है वो असंसदीय रहा है। वह जब नहीं माना गया तो उनका विरोध करने का यही एक तरीका हो सकता है कि हम उनके खिलाफ चुनाव लड़े।